आईएएस नागार्जुन बी गौड़ा ( IAS Nagarjuna B Goda) पर 51 करोड़ रुपए के भारी जुर्माना को 4000 हजार में निपटाने का आरोप लगा है। आरोप हरदा के आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट द्वारा लगाया गया है।
यह केस हरदा का बताया जा रहा है जिस दौरान नागार्जुन उस क्षेत्र के एडीएम पद पर कार्यरत थे।
आईएएस नागार्जुन बी गौड़ा ने इस मामले पर पूरी तरह से अपनी सफाई पेश की है।
आईएएस नागार्जुन पर 51 करोड़ रुपए के जुर्माने को 4000 में निपटने का आरोप सही? यह है पूरी सच्चाई!
आईएएस नागार्जुन बी गौड़ा (IAS Nagarjuna B Goda) वर्तमान में खंडवा जिले के सीईओ पद पर कार्यरत है लेकिन इन दिनों वह अपनी पिछली कार्यवाही के चलते आरोपों के घेरे में आ गए हैं। दरअसल आईएएस नागार्जुन पर 51 करोड़ रुपए के भारी जुर्माना को 4000 में निपटने का आरोप हरदा के आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट ( RTI Activist Anand Jaat) द्वारा लगाया गया है।
यह पूरा किस्सा पाथ इंडिया कंपनी और आईएएस अफसर से जुड़ा हुआ है। कंपनी द्वारा इंदौर बैतूल नेशनल हाईवे का काम संपूर्ण किया था लेकिन इस दौरान कंपनी ने बिना परमिशन के 3.11 लाख घन मीटर की मुरम मिट्टी की खुदाई की थी। हालांकि कंपनी को ऐसा करने की कतई इजाजत नहीं थी। इस कार्य के दौरान क्षेत्र के तात्कालिक एडीएम प्रवीण फूलपगारे थे जिन्होंने कंपनी को जुर्माने के तौर पर 51 करोड़ 67 लाख 64 हजार 502 रूपए का नोटिस भेजा था।
हालांकि कार्रवाई की शुरुआत में ही कुछ समय बाद एडीएम प्रवीण फूलपगारे का ट्रांसफर कर दिया गया था जिसके बाद उनके पद पर एडीएम के तौर पर आईएएस नागार्जुन को नियुक्त किया गया। नागार्जुन को कंपनी पर लगे आरोपों के खिलाफ कोई ठैस दस्तावेज नहीं मिला जिस वजह से उन्होंने 51 करोड़ के भारी जुर्माने को 4032 रुपए में निपटा दिया।
आईएएस नागार्जुन का कहना कंपनी के पास थी परमिशन, आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद ने दिखाएं पुख्ता सबूत!
अफसर नागार्जुन ने मीडिया में अपनी सफाई देते हुए यह बयान दिया कि कंपनी के पास मौजूदा जमीन की परमिशन थी और केवल मामूली जमीन का ही इस्तेमाल किया गया है जिस वजह से 51 करोड रुपए के जमाने को₹4000 में निपटा दिया गया। उन्होंने कहा कि “कोर्ट में मेरे सामने जो दस्तावेज रखे गए, उसके आधार पर ही मैंने फैसला लिया है। तात्कालिक एडीएम ने जुर्माना नहीं लगाया था, केवल नोटिस भेजा था। मेरे आने तक मामले की हियरिंग खत्म हो गई थी। पाथ इंडिया कंपनी पर जितना जुर्माना लगाया गया था, उसका आधा से ज्यादा जमीन हिस्से पर काम करने की परमिशन कंपनी के पास थी। इसके अलावा 10 साल से किसी अन्य व्यक्ति के पास परमिशन थी।”
हरदा के आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट (RTI Activist Anand Jaat) ने इस मामले की आरटीआई कॉपी को साझा किया। इसके अलावा आनंद जाट का कहना है कि इस कॉपी में गड़बड़ी की गई है। फैसले में यह बताया गया है कि ग्रामीणों के पास कोई वीडियो और फोटोग्राफ नहीं है लेकिन सबूत के तौर पर यह कॉपी उपलब्ध है। आनंद जाट के मुताबिक इस मामले को निपटने के लिए कोई डील की गई है।
हालांकि आरटीआई एक्टिविस्ट आनंद जाट की कॉपी पर भी आईएएस ने जवाब दिया और बताया कि “उसमें जो तहसीलदार की रिपोर्ट है, उसमें किसी प्रोसीजर को फॉलो नहीं किया गया था। पंचनामा में कहीं भी दाखिल नहीं है कि कंपनी ने असंवैधानिक खनन किया था। खनन के आरोप में जो भी पक्ष रखे गए थे, उसके खिलाफ कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले। अब उसमें कुछ गलत ही नहीं था तो कैसे फाइन लगते हैं, सब कुछ यहां पर लीगल है। यदि किसी की आपत्ति थी तो पहले ही अपील करते। लेकिन 2 साल बाद भी किसी ने अपील दर्ज नहीं की।”
कौन है आईएएस नागार्जुन बी गौड़ा?
आईएएस नागार्जुन बी गौड़ा साल 2019 बैच के आईएएस अधिकारी है और उन्होंने देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी को कड़ी मेहनत के साथ पास किया था इसलिए वह सबसे चर्चित आईएएस ऑफिसर में से एक माने जाते हैं। उन्होंने अपने जीवन काल में कई किताबें भी लिखी और वह यूपीएससी के लिए उम्मीदवारों और विद्यार्थियों को मोटिवेट करते रहते हैं। इतना ही नहीं बल्कि आईएएस नागार्जुन के पास एमबीबीएस की डिग्री भी है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको आईएएस अधिकारी नागार्जुन बी गौड़ा से संबंधित जानकारी दी है जिसमें हमने जाना कि अधिकारी पर 51 करोड़ के जुर्माने को 4000 में निपटने का आरोप लगा है। हालांकि अधिकारी ने भी मीडिया के सामने सभी बातों को साफ कर दिया है।
RH/PSA