Goddess Laxmi: क्यों भगवान विष्णु नहीं बल्कि भगवान गणेश के साथ पूजा जाता है मां लक्ष्मी को?

Goddess Laxmi: प्रत्येक वर्ष हम कई पर्वों पर मां लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु नहीं बल्कि गणेश जी की पूजा करते हैं और ऐसा करने के पीछे का कारण एक पौराणिक कथा में उल्लेखित है।
मां लक्ष्मी और भगवान गणेश
चूंकि चातुर्मास में भगवान विष्णु उपस्थित नहीं होते इसलिए उनकी अनुपस्थिति में मां लक्ष्मी (Goddess Laxmi) के साथ भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।Instagram
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Summary
  • देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी तक चातुर्मास लग जाता है और इसी काल में भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) निद्रा अवस्था में चले जाते हैं।

  • चूंकि चातुर्मास में भगवान विष्णु उपस्थित नहीं होते इसलिए उनकी अनुपस्थिति में मां लक्ष्मी ( Goddess Laxmi) के साथ भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।

  • भगवान विष्णु की अनुपस्थिति में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश ( Lord Ganesa) जी को क्यों पूजा जाता है, इस तथ्य से एक पौराणिक कथा ( Religious Story) जुड़ी हुई है।

महालक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव से जुड़ी है यह पौराणिक कथा, इस कारण से महालक्ष्मी और भगवान गणेश को पूजा जाता है एक साथ!

प्रत्येक वर्ष हर किसी के जहां में यह सवाल जरूर उठना है कि जब माता लक्ष्मी ( Goddess Laxmi) भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) की पत्नी है तो ऐसे में कई पर्व पर भगवान गणेश की माता लक्ष्मी के साथ पूजा क्यों की जाती है?, तो हम आपको बता देते हैं कि इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। ‌

हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ तो समुद्र से मां लक्ष्मी प्रकट हुई। ‌ इसके बाद मां लक्ष्मी का विवाह भगवान विष्णु से हुआ। ‌भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी को यह आशीर्वाद दिया कि वह धन की देवी मानी जाएगी और वह संपूर्ण विश्व का कल्याण करेंगी। भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी की सहायता के लिए कुबेर देव जी ( Lord Kuber) को उनका सहयोगी बना दिया और भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी से कहा कि यह आपके सहयोगी हैं जो आपके कहने पर लोगों को धन की आपूर्ति करेंगे।

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हालांकि कुबेर देव जल्दी से किसी को धन की आपूर्ति नहीं करते थे और यह समस्या मां लक्ष्मी को परेशान करती। मां लक्ष्मी ने इस समस्या को भगवान विष्णु से साझा किया। विष्णु भगवान ने मां लक्ष्मी को यह सलाह दी कि वह कुबेर देव की जगह किसी और को वह स्थान दें लेकिन मां लक्ष्मी ने कहा कि कुबेर यक्षों के राजा और मेरे सबसे बड़े भक्त रहे हैं इसलिए वह ऐसा नहीं कर सकती है।

भगवान विष्णु
भगवान विष्णु ने की मां लक्ष्मी की समस्या हलWiKimedia common

भगवान विष्णु ने की मां लक्ष्मी की समस्या हल

भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी की समस्या हल करने के लिए एक निवारण निकाला और सभी देवताओं का चेहरा दिखा। सभी देवताओं का चेहरा देखने के बाद भगवान विष्णु को भगवान गणेश ( Lord Ganesa) सबसे चतुर और ज्ञानी देवता लगे। विष्णु भगवान ने गणेश जी से कहा कि वह जाकर मां लक्ष्मी की सहायता करें। गणेश जी समझ गए और उन्हें यह ज्ञात था कि उन्हें करना क्या है, भगवान गणेश महालक्ष्मी और कुबेर देव के सामने जाकर प्रकट हो गए तथा गणेश जी ने मां लक्ष्मी से एक वरदान मांगा। गणेश जी ने मां लक्ष्मी से कहा कि मैं जिस किसी की भी समस्या आपके पास लेकर आऊंगा आप बिना किंतु परंतु किए उस समस्या को हल कर देना। इसके बाद जब किसी को भी धन की समस्या होती थी तो भगवान गणेश जी मां लक्ष्मी के पास जाकर उस समस्या को बताते‌ थे। ऐसा करने के बाद हर जरूरतमंद को मां लक्ष्मी ( Goddess Laxmi) धन देती रही और सारा धन जो कुबेर देव के पास मौजूद था वह उनके पास से जाता रहा क्योंकि अब भगवान गणेश द्वार खोलने वाले देव बन चुके थे।

महालक्ष्मी भगवान गणेश के इस प्रयास से प्रसन्न हो गई और उन्होंने गणेश जी को यह वरदान दिया कि जब भी विष्णु भगवान उपस्थित नहीं होंगे तो मेरे साथ आप रहोगे और आज से आप मेरे पुत्र कहलाओगे। इसीलिए चतुर्मास ( Chaturmas) के दौरान भगवान विष्णु ( Lord Vishnu) के निद्रा चले जाने के पश्चात मां लक्ष्मी जब पृथ्वी पर अपना स्थान ग्रहण करती है तो मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश को पूजा जाता है।

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने आपको महालक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर देव से जुड़ी एक कथा से संबंधित जानकारी दी है। हमने जाना कि कैसे चातुर्मास ( Chaturmas) के दौरान जब भगवान विष्णु अनुपस्थित होते हैं तो मां लक्ष्मी के साथ पुत्र के तौर पर भगवान गणेश जी को पूजा जाता है।

OG

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