मंदिर विवाद बना जंग का मैदान : थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष में 15 मौतें, सैकड़ों बेघर

सदियों पुराना मंदिर विवाद (Temple dispute) अब खतरनाक जंग का रूप ले चुका है। थाईलैंड (Thailand) और कंबोडिया (Cambodia) की सेनाएँ हवाई हमले और तोपखाने से एक-दूसरे पर वार कर रही हैं। अब तक 15 लोगों की मौत, 40 से ज़्यादा घायल और लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। हालात युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं।
थाईलैंड और कंबोडिया (Cambodia) की सीमा पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।
थाईलैंड और कंबोडिया (Cambodia) की सीमा पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।(AI)
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थाईलैंड (Thailand) और कंबोडिया (Cambodia) की सीमा पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच लंबे समय से चला आ रहा मंदिर विवाद (Temple dispute) अब गोलाबारी और हवाई हमलों में बदल गया है। पिछले कुछ दिनों में हुई झड़पों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि सीमा के पास रहने वाले 1.38 लाख से अधिक लोगों को अपने घर छोड़कर कैंपों में जाना पड़ा है।

मंदिर को लेकर पुराना विवाद

इस विवाद की जड़ें करीब सौ साल से भी पुरानी हैं। 1907 में जब कंबोडिया पर फ्रांसीसी शासन था, तो फ्रांस ने एक नक्शा बनाया जिसमें सीमा पर मौजूद 11वीं सदी का हिंदू मंदिर कंबोडिया का हिस्सा दिखाया गया। थाईलैंड ने इस नक्शे को कभी पूरी तरह से नहीं माना। इसके बाद 2008 में तनाव और बढ़ा, जब कंबोडिया ने इस मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में पंजीकृत कराने की कोशिश की। थाईलैंड ने इसका विरोध किया और इसके बाद दोनों देशों के बीच कई बार झड़पें हुईं। सैनिकों और आम नागरिकों की मौतें भी हुईं। 2011 तक हालात कई बार युद्ध की कगार तक पहुँच गए थे।

कंबोडिया (Cambodia) ने आरोप लगाया कि थाईलैंड के सैनिकों ने पहले समझौते का उल्लंघन करते हुए मंदिर क्षेत्र की ओर बढा कर बनाई और वहाँ कंटीली तार लगा दी। इसके बाद ड्रोन उड़ाया और हवाई फायरिंग शुरू कर दी। कंबोडिया का दावा है कि उन्हें आत्मरक्षा में जवाब देना पड़ा। उनका कहना है कि थाईलैंड सेना ने भारी हथियार, तोपखाने और हवाई हमले तक किए। वहीं, थाईलैंड (Thailand) ने उल्टा कंबोडिया पर आरोप लगाया कि उनकी सेना ने सबसे पहले गोली चलाई और थाईलैंड के गांवों व अस्पतालों पर रॉकेट दागे हैं। इस प्रकार से दोनों ही देश एक-दूसरे पर पहली गोली चलाने का आरोप लगा रहे हैं।

दोनों देशों के बीच लंबे समय से चला आ रहा मंदिर विवाद अब गोलाबारी और हवाई हमलों में बदल गया है। पिछले कुछ  दिनों में हुई झड़पों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं।
दोनों देशों के बीच लंबे समय से चला आ रहा मंदिर विवाद अब गोलाबारी और हवाई हमलों में बदल गया है। पिछले कुछ दिनों में हुई झड़पों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 40 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। (AI)

मौतें और तबाही

थाईलैंड (Thailand) के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 14 नागरिक और 1 सैनिक शामिल है। इसके अलावा 46 लोग घायल हुए हैं। गोलीबारी और बमबारी से सीमा पर बने घर, अस्पताल और सार्वजनिक ढाँचे भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

कंबोडिया (Cambodia) के कई गांवों से लोग अपना सामान और बच्चों को लेकर सुरक्षित जगहों पर भाग रहे हैं। पत्रकारों ने मौके से बताया कि लोग मंदिरों और स्कूलों में शरण ले रहे हैं। कई इलाकों में रॉकेट और तोपखाने की आवाज़ लगातार गूंज रही है। इस तरह के हालातों पर विशेषज्ञ मानते हैं कि इस विवाद के पीछे सिर्फ़ मंदिर ही नहीं, बल्कि दोनों देशों की आंतरिक राजनीति भी ज़िम्मेदार है।

कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेत हाल ही में सत्ता में आए हैं। उनके पिता और पूर्व पीएम हुन सेन अभी भी राजनीति में बेहद ताक़तवर हैं। माना जा रहा है कि वो राष्ट्रवादी रुख़ को मज़बूत दिखाने के लिए इस संघर्ष को हवा दे रहे हैं। वहीं, थाईलैंड में इस समय एक अस्थिर गठबंधन सरकार है। वहाँ के बड़े नेता ताकसिन शिनावात्रा और हुन सेन के बीच पुराना व्यक्तिगत रिश्ता रहा है। लेकिन हाल ही में एक निजी बातचीत के लीक होने से रिश्ते बिगड़ गए हैं। इससे दोनों देशों के बीच अविश्वास और गहरा गया है।

इस पूरे विवाद (Temple dispute) पर अब नज़रें चीन पर भी टिकी हैं। कंबोडिया की सेना के पास आधुनिक हथियार और लड़ाकू विमान बहुत कम हैं। इसके विपरीत थाईलैंड ने चीन से हथियार खरीदे हैं और उसके साथ मज़बूत आर्थिक साझेदारी भी है। चीन ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि वह दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार है और बातचीत से मसला सुलझाने की अपील की है। लेकिन सवाल यह है कि क्या चीन तटस्थ रह पाएगा, या फिर थाईलैंड की तरफ झुक जाएगा?

आसियान (ASEAN) देशों का संगठन हमेशा से अपने सदस्य देशों के बीच शांति बनाए रखने पर ज़ोर देता आया है। इस समय मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम संगठन की अध्यक्षता कर रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों से तुरंत युद्धविराम और बातचीत की अपील की है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि बैंकॉक और नोम पेन्ह दोनों ने युद्धविराम के संकेत दिए हैं, लेकिन ज़मीन पर सच्चाई कुछ और ही है। अभी भी गोलीबारी जारी है और दोनों सेनाएँ भारी हथियारों के साथ आमने-सामने हैं।

थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचयाचाई ने चेतावनी दी है कि अगर हालात काबू से बाहर हुए तो यह झड़पें खुले युद्ध में बदल सकती हैं।
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचयाचाई ने चेतावनी दी है कि अगर हालात काबू से बाहर हुए तो यह झड़पें खुले युद्ध में बदल सकती हैं।(AI)

क्या युद्ध में बदल जाएगा यह विवाद ?

थाईलैंड (Thailand) के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचयाचाई ने चेतावनी दी है कि अगर हालात काबू से बाहर हुए तो यह झड़पें खुले युद्ध में बदल सकती हैं। उन्होंने कहा कि "हमने समझौता करने की कोशिश की है, लेकिन अब हमने सेना को तुरंत कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं।" यह बयान बताता है कि हालात बेहद नाजुक हैं और किसी भी समय बड़ा युद्ध भड़क सकता है।

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अब सारी दुनिया की नज़र इस बात पर है कि क्या संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और आसियान इस विवाद (Temple dispute) को शांत करा पाएंगे। सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को आपात बैठक बुलाने का ऐलान किया है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ़ सीमा विवाद नहीं है, बल्कि दोनों देशों की राजनीति, कूटनीति और क्षेत्रीय ताक़तों का भी खेल है। अगर समय रहते तनाव कम नहीं हुआ, तो यह पूरा दक्षिण-पूर्व एशिया अस्थिर कर सकता है।

कंबोडिया ने आरोप लगाया कि थाईलैंड के सैनिकों ने पहले समझौते का उल्लंघन करते हुए मंदिर क्षेत्र की ओर बढा कर बनाई और वहाँ कंटीली तार लगा दी।
कंबोडिया ने आरोप लगाया कि थाईलैंड के सैनिकों ने पहले समझौते का उल्लंघन करते हुए मंदिर क्षेत्र की ओर बढा कर बनाई और वहाँ कंटीली तार लगा दी। (AI)

निष्कर्ष

थाईलैंड (Thailand) और कंबोडिया (Cambodia) का यह मंदिर विवाद सिर्फ़ ज़मीन या इमारत का मसला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय गर्व, राजनीति और शक्ति प्रदर्शन का टकराव है। दोनों देशों की आम जनता गोलियों और बमों के बीच पीस रही है। इतिहास बताता है कि ऐसे विवादों का हल बातचीत से ही निकल सकता है। अगर जल्द ही युद्धविराम नहीं हुआ तो यह संघर्ष पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता को हिला सकता है। [Rh/PS]

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