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उत्तर प्रदेश के बागपत में मिले 12वीं  शताब्दी के प्राचीन सिक्के

NewsGram Desk

उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के बागपत(Baghpt) के एक स्थानीय व्यापारी को सोने चांदी के कुल 16 प्राचीन सिक्के(Ancient Coins) मिले हैं। सिक्कों पर एक बैल और घुड़सवार खुदा हुआ है। उन्हें यह सिक्के रविवार को दिल्ली-सहारनपुर मार्ग के पास खेखरा में एक टीले के पास मिले जिसे स्थानीय रूप से "कथा टीला" भी कहा जाता है।

जैन ने संवादाताओं से बात करते हुए कहा की इनमे से कुछ सिक्के 12वि शताब्दी के हैं जोकि राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान के समय का है। जैन ने आगे कहा, "मैं उस क्षेत्र का अक्सर दौरा करता रहता हूँ जो पुरातात्विक खोजों से सम्बद्ध है। इस बार इस जगह ने कुछ ऐसा दिया है जोकि भारतीय मुद्रा शास्त्र में अहम योगदान रखता है। जो सिक्के मुझे मिले हैं वे राजपूत राजाओं की एक शृंखला के हैं जोकि 8वीं से 12वीं शताब्दी तक राजस्थान, हरियाणा और पश्चिमी गंगा में प्रभावी थे।

यह सिक्के 8वीं से 12वीं शताब्दी के बताये जा रहे हैं। (Wikimedia Commons)

केके शर्मा, प्रमुख, इतिहास विभाग, मुल्तानमल मोदी कॉलेज, मोदीनगर ने इन सिक्कों की प्राचीनता की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, "यह एक दिलचस्प खोज है क्योंकि यह क्षेत्र कुछ शताब्दियों तक राजपूत राजाओं के पास रहा। उन दिनों सिक्कों पर घोड़े और बैल के शिलालेख काफी आम थे। युद्धों के दौरान घोड़े सैनिकों का प्राथमिक वाहन हुआ करते थे और सिक्कों पर उनका चित्रण कोई आश्चर्य की बात नहीं है। वास्तव में, सातवीं और 17वीं शताब्दी के बीच दो दर्जन के करीब शासकों ने अपने सिक्कों पर किसी न किसी रूप में घोड़ों का इस्तेमाल किया।"

बागपत दिलचस्प ऐतिहासिक कलाकृतियों की खोज के लिए प्रसिद्ध है, जून 2018 में सिनौली में आयोजित भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के दौरान सबसे सनसनीखेज तीन रथों का पता चला, जिसने भारत में कांस्य युग के रथों के 'पहले-पहले' भौतिक साक्ष्य को चिह्नित किया। .

2006 में, सिनौली ने हड़प्पा-युग के दफन मैदानों का खुलासा किया था जहाँ कई खोज की गई थीं जैसे कि चित्रित ग्रे वेयर पॉटरी, कंकाल, कांस्य तलवार और तांबे के बर्तन।

Input-IANS ; Edited By- Saksham Nagar

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