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यूपी चुनाव से पहले भाजपा ने बुलंद किया हिंदुत्व का मुद्दा, राज्य के प्रमुख विपक्षी दल पर साधा निशाना

NewsGram Desk

जैसे-जैसे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नज़दीक आ रहे हैं वैसे-वैसे पांचों राज्यों का राजनितिक पारा चढ़ता जा रहा है। सियासी गलियारे में सबसे ज़्यादा सुगबुगाहट उत्तर प्रदेश के चुनाव की है। इसी कड़ी में राज्य की सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने राम मंदिर निर्माण के साथ ही हिंदुत्व का एजेंडा बुलंद करना शुरू कर दिया है और आने वाले चुनाव में यह भाजपा के प्रमुख मुद्दों में से एक हो सकता है। भाजपा चुनाव में अपनी पकड़ को मज़बूत करने के लिए मंथन कर रही है और बूथ स्तर पर भाजपा अपना वोट बैंक मज़बूत कर रही है। इन सभी के साथ राज्य में भाजपा ने प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव पर भी सियासी हमले तेज़ कर दिए हैं।

भाजपा के एक दिग्गज राष्ट्रीय नेता ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा की, "राम मंदिर निर्माण हमारे लिए कभी एक राजनितिक मुद्दा नहीं था बल्कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने एक समय पर हमें राजनीति में अलग-थलग कर दिया था। हमें जनता को इससे जुडी उपलब्धियां बताना ज़रूरी है। राज्य के एक कैबिनेट मंत्री ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा की. "सुप्रीम कोर्ट का राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में आया है। हमने इस साल भी रिकॉर्ड तोड़ दीपोत्सव मनाया। हमें लोगों को शिक्षित करना होगा की राज्य में 1990 में क्या हुआ था और अगर वे लोग एक दफा फिर सत्ता में आ गए तो क्या हो सकता है।

योगी आदित्यनाथ (VOA)

ख़ैर यह सब तो भाजपा से जुड़े प्रतिनिधियों के बयान थे लेकिन इस समय राम मंदिर मुद्दे को लेकर जो सपा पर सबसे ज़्यादा हमलावर है तो वो हैं देश में भाजपा के हिंदुत्व के पोस्टर बॉय और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। 3 नवंबर को अयोध्या में हुए दीपोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए योगी ने यह दावा किया की अब कोई ताकत अयोध्या में राम मंदिर निर्माण नहीं रोक सकती और यह भव्य मंदिर साल 2023 तक तैयार हो जाएगा।

उन्होंने ने 1990 में हुए कारसेवकों पर हुए नरसंहार को याद करते हुए कहा, "31 साल पहले अयोध्या में क्या हो रहा था? 30 अक्टूबर और 2 नवंबर, 1990 को राम भक्तों को अयोध्या से बर्बर तरीके से निकाल दिया गया था। उस दिन राम भक्तों पर लाठी चार्ज किया गया। उन दिनों प्रदेश में "जय श्री राम" बोलना एक अपराध माना जाता था।

योगी ने अखिलेश यादव परिवार पर हमला बोलते हुए कहा, "जो 31 साल पहले राम भक्तों पर गोली चलाते थे वे आज आपके सामने नतमस्तक हैं।" योगी ने अखिलेश यादव की आलोचना करते हुए कहा, "पूर्व की सपा सरकार केवल कब्रिस्तानों पर पैसा खर्च करती थी। "

योगी ने आश्वासन दिया की वे राज्य में कृष्ण भक्तों पर फूल बरसायेंगे और सभी मंदिरों की देखभाल करेंगे।

राम मंदिर निर्माण एक ऐसा मुद्दा है जिसने भाजपा को 90 के दशक में देश एक राजनितिक पहचान दी और आज वे जिस तरह केंद्र की सत्ता पर काबिज़ है यह कहना गलत नहीं होगा की उसका एक बहुत बड़ा कारण हिंदुत्व का मुद्दा भी है।

Input-IANS Edited By- Saksham Nagar

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