महिलाओं के अधिकारों की बात कर उन्हें अपने हक से रूबरू कराने के लिए योगी सरकार ने मिशन शक्ति अभियान शुरू किया है। इसके अर्न्तगत रोजाना महिलाओं और बच्चों को स्वाबलंबी और संबल बनाने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश की सशक्त महिलाएं समाज की महिलाओं को आगे बढ़ाने व स्वाबलंबी बनाने का काम जमीनी स्तर पर कर रही हैं। अभियान के जरिए महिलाओं व बच्चों के हक की बात करने वाली इंदिरानगर निवासी डॉ. संगीता शर्मा साल 1998 से महिलाओं की शिक्षा, सेहत व रोजगार के मुद्दों पर काम कर रही हैं।
अपनी संस्था 'ह्यूमन यूनिटी मूवमेंट' के जरिए डॉ. संगीता शर्मा ने प्रदेश में लगभग 2,000 से ऊपर कार्यशालाओं का आयोजन किया है। जिसके तहत महिलाओं व बच्चों की काउंसलिंग, सेहत, सुरक्षा जैसे मुद्दों पर जानकारी देने के साथ उनको रोजगार से जोड़ने का काम किया है। उन्होंने अब तक 5000 बच्चों को जागरूक किया है।
साल 2005 में चाइल्डलाइन से जुड़ने के बाद उन्होंने टीम के सदस्यों के साथ मिलकर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के 20,000 से अधिक जरूरतमंद बच्चों की मदद की है। पिछले 15 सालों से वो ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के बेघर बच्चों व जरूरतमंद बच्चों के लिए निरंतर काम कर रही हैं। जिसके तहत बच्चों को आश्रय दिलाना उनको शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के संग गरीब बच्चों की फीस जमा करना, घर से पलायन कर चुके बच्चों की घर वापसी व काउंसलिंग का काम कर उनकी मदद कर रही हैं।
वो साल 2016 में बाल कल्याण समिति की सदस्य बनीं जिसके बाद कानपुर, अयोध्या, रायबरेली, प्रयागराज, सुल्तानपुर, लखनऊ समेत अन्य जनपदों की लगभग 1500 बेटियों व महिलाओं को जागरूक कर उनको रोजगार दिला चुकी हैं। प्राथमिक व प्राइवेट स्कूलों में 150 गरीब बेटियों का दाखिला कराने वाली डॉ. संगीता लगभग 20 जरूरतमंद बेटियों की शिक्षा का पूरा खर्चा उठा कर उनकी मदद कर रही हैं। उन्होंने काउंसलिंग के जरिए जेंडर इशू, पॉक्सो, जेजे एक्ट, महिलाओं के अधिकार व कानून के प्रति 8,000 बेटियों को जागरूक किया है।
डॉ. संगीता शर्मा ने बताया कि 'मिशन शक्ति' के तहत महिलाओं को और सशक्त बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभियान के समापन तक उप्र की प्रत्येक महिला शक्ति से ओतप्रोत कराकर उन्हें अपने अधिकारों के प्रति सचेत करना है।
संगीता मिशन शक्ति अभियान के तहत हर हफ्ते यूपी के स्कूल कॉलेजों की छात्राओं को वेबिनार के जरिए उनको उनके अधिकारों व सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दे रही हैं। इसके साथ ही झारखंड, उत्तराखंड, बिहार समेत यूपी के चाइल्ड प्रोटेक्शन आफिसर को भी ट्रेनिंग दे रही हैं। (आईएएनएस)