
अल्बानिया ने इतिहास रच दिया है। सितंबर 2025 में प्रधानमंत्री एदी रामा (Edi Rama) ने दुनिया के पहले एआई (AI) मंत्री “डिएला” (Diella) को अपनी कैबिनेट में पेश किया। दियेला का काम है, सार्वजनिक खरीद (Public Procurement) पर नज़र रखना और भ्रष्टाचार (Corruption) को जड़ से खत्म करना। यह पहली बार है जब किसी देश ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) को सीधे मंत्री का दर्जा दिया है।
यह कदम जितना उत्साह बढ़ाता है, उतनी ही सवाल भी खड़े करता है। समर्थक कहते हैं कि यह पारदर्शिता (Transparency) की दिशा में बड़ा कदम है। लेकिन आलोचक सवाल उठाते हैं कि क्या एक मशीन को मंत्री बनाना कानूनी है? क्या जनता उस पर भरोसा करेगी?
डिएला एक वर्चुअल एआई अवतार है। इसे एक युवा महिला के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो अल्बानिया (Albania) की पारंपरिक पोशाक (Traditional Attire) में नज़र आती है। “डिएला” नाम का अर्थ अल्बानियाई भाषा में “सूरज” (Sun) है, जो रोशनी, साफ़गोई और नई शुरुआत (New Beginning) का प्रतीक है।
जनवरी 2025 में डिएला को पहली बार इ-अल्बानिया (e-Albania) डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर लॉन्च किया गया। वहाँ इसका काम था लोगों को ऑनलाइन सरकारी सेवाएँ देने में मदद करना, जैसे दस्तावेज़ बनवाना या काग़ज़ी कामकाज पूरा करना। धीरे-धीरे लोगों ने इस पर भरोसा करना शुरू किया और यह हज़ारों सेवाओं को पूरा करने में सफल भी रही। इस अनुभव ने इसे और बड़ी भूमिका के लिए तैयार कर दिया और अब वही दियेला मंत्री बनकर भ्रष्टाचार से लड़ाई की कमान संभाल रही है।
डिएला (Diella) का सबसे बड़ा काम है सार्वजनिक खरीद प्रणाली पर नियंत्रण। अल्बानिया में सरकारी टेंडर और खरीद प्रक्रियाएँ लंबे समय से भ्रष्टाचार (Corruption) और पक्षपात से जुड़ी रही हैं। प्रधानमंत्री का कहना है कि अब डिएला इन प्रक्रियाओं को संभालेगी ताकि कोई भी व्यक्ति रिश्वत देकर या निजी संबंधों के आधार पर लाभ न उठा सके।
डिएला का काम यह सुनिश्चित करना है कि हर प्रक्रिया पारदर्शी हो, जिसमें सभी फ़ैसले साफ़-साफ़ दर्ज हों और बाद में कोई भी उनका रिकॉर्ड देख सके। इसका मकसद यह भी है कि किसी व्यक्ति या कंपनी को अनुचित लाभ न मिले और हर निर्णय निष्पक्ष और डेटा पर आधारित हो। इसके साथ ही यह प्रणाली काम को पहले से कहीं तेज़ और आसान बनाएगी ताकि लोगों को बेवजह की काग़ज़ी दिक़्क़तों का सामना न करना पड़े। सरकार का सपना है कि एक दिन सभी टेंडर पूरी तरह भ्रष्टाचार-रहित होंगे।
अल्बानिया (Albania) में भ्रष्टाचार लंबे समय से सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रहा है। यही वजह है कि यूरोपीय संघ (European Union) में शामिल होने की उसकी कोशिशें भी मुश्किल रही हैं। सरकार को लगता है कि अगर डिएला सफल रहती है, तो यह देश की छवि को काफी सुधार सकती है।
इससे जनता का भरोसा सरकार पर बढ़ेगा क्योंकि उन्हें लगेगा कि अब उनके पैसे का सही इस्तेमाल हो रहा है। यूरोपीय संघ के नियम और मानगो को पूरा करना भी आसान होगा, जिससे अल्बानिया की सदस्यता की राह खुल सकती है। निवेशकों (Investors) का भरोसा भी देश पर बढ़ेगा, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। कुल मिलाकर, यह प्रयोग अल्बानिया को डिजिटल गवर्नेंस (Digital Governance) का एक मॉडल बना सकता है, जिसे अन्य देश भी अपनाना चाहेंगे।
संवैधानिक सवाल: सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह कदम संविधान (Constitution) के दायरे में आता है। लोकतंत्र (Democracy) में मंत्रियों को जनता और संसद के प्रति जवाबदेह (accountable) होना चाहिए, लेकिन एक एआई (AI) मंत्री ऐसा नहीं कर सकता।
जवाबदेही का मुद्दा: अगर डिएला कोई ग़लती करती है या उसके डेटा से छेड़छाड़ हो जाती है, तो इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? कहीं ऐसा न हो कि मशीन तो फ़ैसला करे लेकिन नुकसान जनता को उठाना पड़े।
डेटा और सुरक्षा की चिंता: एआई हमेशा उसी डेटा पर काम करता है जो उसे दिया जाता है। अगर डेटा ग़लत या अधूरा हुआ तो नतीजे भी ग़लत होंगे। इसके अलावा साइबर हैकिंग (Cyber Hacking) का ख़तरा भी बना रहेगा, जिससे पूरा सिस्टम असुरक्षित हो सकता है।
जनता का भरोसा: राजनीति सिर्फ़ फ़ैसलों और प्रक्रियाओं का नहीं, बल्कि जनता और नेताओं के बीच विश्वास का रिश्ता भी है। भले ही डिएला ईमानदारी से काम करे, लेकिन क्या लोग एक मशीन मंत्री को स्वीकार करेंगे? जनता का भरोसा जीतना ही डिएला की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
डिएला की नियुक्ति भविष्य की राजनीति का दरवाज़ा खोलती है। अगर यह प्रयोग सफल रहा तो आने वाले समय में एआई (AI) मंत्री सिर्फ़ सार्वजनिक खरीद तक सीमित नहीं रहेंगे। इन्हें बजट (Budget), शिक्षा (Education), स्वास्थ्य (Health) और पर्यावरण (Environment) जैसे मंत्रालयों में भी नियुक्त किया जा सकता है।
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कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि एआई भविष्य में मानवीय मंत्रियों के सलाहकार के रूप में काम करेंगे। यानी, मुश्किल फ़ैसलों में डेटा और तर्क (Facts) देकर नेताओं को बेहतर निर्णय लेने में मदद करेंगे। कुछ लोग कहते हैं कि आगे चलकर हाइब्रिड मॉडल अपनाया जा सकता है, जहाँ इंसान और मशीन दोनों मिलकर काम करेंगे, इंसान जनता से जुड़ाव बनाए रखेगा और एआई पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करेगा। अगर अल्बानिया का यह प्रयोग सफल होता है तो दुनिया के दूसरे देश भी इस मॉडल को अपना सकते हैं। लेकिन इसके लिए ज़रूरी होगा कि अंतरराष्ट्रीय (International) स्तर पर नए कानून और नियम (laws) बनाए जाएँ ताकि एआई का इस्तेमाल लोकतंत्र और जनता के हित में हो, न कि उनके खिलाफ़।
डिएला (Diella) को लेकर पूरी दुनिया की नज़र अब अल्बानिया (Albania) पर है। यह प्रयोग अगर सफल रहा तो राजनीति और शासन का चेहरा हमेशा के लिए बदल सकता है। लेकिन अगर इसमें ग़लतियाँ हुईं तो यह लोकतंत्र में तकनीक की सबसे बड़ी विफलताओं में गिना जाएगा।
दुनिया का पहला एआई मंत्री बनने के बाद डिएला ने राजनीति और तकनीक को एक नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। अल्बानिया ने दिखा दिया कि वह भ्रष्टाचार से लड़ाई में सबसे अलग और साहसी कदम उठाने को तैयार है। अब सवाल यह है कि यह प्रयोग भविष्य का रास्ता बनेगा या एक बड़ी भूल साबित होगा।
(Rh/BA)