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इंडियन सेलर्स कलेक्टिव ने देश भर में मल्टी नेशनल ब्रांडो के खिलाफ  विरोध प्रदर्शन किया

NewsGram Desk

देश भर में मल्टी नेशनल ब्रांडो के बहिष्कार की मांग करते हुए गैर सरकारी व्यापार संघ, इंडियन सेलर्स कलेक्टिव ने विरोध प्रदर्शन किया। संघ ने सूक्ष्म और लघु उद्यमों और पारिवारिक व्यवसायों की आवाज को सामने लाने के लिए विरोध के तौर पर 'भारत छोड़ो मोर्चा' के बैनर तले पुतले भी जलाए।

इस अभियान के तहत एक राष्ट्रीय सम्मेलन और राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में जमीनी स्तर पर विरोध भी किया गया। इसके तहत सरकार और उपभोक्ताओं दोनों से मल्टी नेशनल ब्रांडो का बहिष्कार करने और स्वदेशी विक्रेताओं के उत्पाद को अपनाने का आग्रह किया गया, जिससे इस त्योहारी सीजन में छोटे व्यापारियों को राहत मिल सके।

बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर सबसे अधिक बिकने वाले उत्पादों को ट्रैक करते हैं। ये ऑनलाइन मार्केट प्लेस समान खूबियों वाले सस्ते मूल्य पर अपना निजी ब्रांड लॉन्च करने के लिए उनके डिजाइन की नकल भी करते हैं।

इससे संबंधित राष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक डॉक्टरक अश्विनी महाजन ने कहा, "विदेशी बहुराष्ट्रीय ई-कामर्स कंपनियां भारत में अवैध व्यापार गतिविधियों में लिप्त हैं। ये कंपनियां अन्य रिटेल कंपनियों के माध्यम से नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं। ये सस्ती कीमत पर उत्पाद देने और विभिन्न प्रकार की छूट देती हैं जिससे ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं और छोटे विक्रेताओं का कारोबार नष्ट होता है।"

इंडियन सेलर्स कलेक्टिव के राष्ट्रीय समन्वयक अभय राज मिश्रा ने कहा, "विदेशी ई-कामर्स विक्रेताओं ने पिछले कई सालों से छोटे खुदरा विक्रेताओं से धनतेरस की चमक छीन ली है। इंडियन सेलर्स कलेक्टिव ने उपभोक्ताओं और सरकार को विदेशी ई कामर्स कंपनियों के उत्पादकों का बहिष्कार करने और भारतीय विक्रेताओं के उत्पाद को अपनाने की अपील की है।"

गलत बहुराष्ट्रीय ई कामर्स कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई में आने वाले कानूनों बाधाओं के विषय में बात करते हुए एडवोकेट एम.एम शर्मा ने कहा, "इस समस्या का समाधान केवल प्रतिस्पर्धा कानून के तहत उपलब्ध है। डिजिटल गेटकीपर बने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे बड़े ई कामर्स प्लेटफार्म द्वारा अनुचित व्यापार गतिविधियों गतिविधियों जैसे बहुत ज्यादा कैश बर्न के जरिये भारी छूट देना, अपने ब्रांड को वरीयता देना, प्लेटफार्म पर न्यूट्रल व्यवस्था नहीं होना, पसंदीदा डीलरों के लिए विशेष व्यवस्था करना जैसे अनैतिक काम किए जाते हैं।"

Input: IANS ; Edited By: Manisha Singh

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