नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर माछिल इलाके में आतंकवादियों के सफाए के लिए चलाया जा रहा ऑपरेशन अभी भी जारी है। इसमें 3 सैनिक और बीएसएफ का 1 जवान शहीद हो चुका है। साथ ही 3 आतंकवादी मारे जा चुके हैं। सोमवार को सीमा सुरक्षा बल के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सुरिंदर पवार ने कहा कि माछिल इलाके के समतल न होने के कारण यहां आतंकवादियों की मौजूदगी ज्यादा थी। उनके सफाए के लिए ऑपरेशन जारी है।
पवार ने आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में रविवार को शहीद हुए कॉन्स्टेबल सुधीर की पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देने के लिए बीएसएफ के हम्मा मुख्यालय में आयोजित समारोह के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। पवार ने कहा कि कैप्टन आशुतोष कुमार और सेना के दो जवान भी रविवार को शहीद हुए।
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एलओसी पर घुसपैठ की घटनाओं को लेकर उन्होंने कहा, "पिछले साल एलओसी पार करके इस तरफ आए 135 से 140 आतंकवादियों की तुलना में इस साल केवल 25 से 30 आतंकवादी ही आ पाए हैं। हमारी घुसपैठ के खिलाफ ग्रिड बहुत मजबूत है। रविवार को की गई घुसपैठ एक बड़ी कोशिश थी जिसे सतर्क सैनिकों ने नाकाम कर दिया था।"
भविष्य में होने वाली घुसपैठ को लेकर अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में नियंत्रण रेखा के पार विभिन्न लॉन्च पैड पर 250 से 300 आतंकवादी मौजूद हैं, जो सर्दियों में बर्फ से पहले भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं। (आईएएनएस)