By:नवनीत मिश्र
कोरोना काल के बीच देश में कई मुद्दों की भरमार के कारण इस बार संसद का मानसून सत्र हंगामेदार हो सकता है। विपक्ष सरकार की घेराबंदी करने की तैयारी मैं है तो सत्तापक्ष भी अलर्ट है। भाजपा मानसून सत्र को लेकर खास रणनीति बनाने में जुटी है। संसद सत्र के दौरान विपक्ष को बढ़त हासिल करने का भाजपा को कोई मौका नहीं देना चाहती। 14 सितंबर से शुरू होने जा रहे मानसूत्र सत्र को लेकर जल्द ही पार्टी कुछ बैठकें कर विपक्ष के संभावित हमलों को लेकर अपनी फुलप्रूफ रणनीति तैयार करेगी। यह जानकारी पार्टी सूत्रों ने दी है।
कोरोना, आर्थिक संकट, रोजगार, चीन से टकराव, बिहार में बाढ़, सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण, आगामी विधानसभा चुनाव सहित राजस्थान आदि कुछ राज्यों के सियासी घटनाक्रमों पर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो सकता है। भाजपा भी मानसून सत्र में उठने वाले संभावित मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रही है। पार्टी के वे नेता इन विषयों पर पूरा होमवर्क करने में जुटे हैं, जो आमतौर पर भाजपा की तरफ से लोकसभा और राज्यसभा में मुखर होकर बोलते हैं। जिस तरह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मसले पर पिछले साल सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला था, उस तर्ज पर मानसून सत्र में भी पार्टी विपक्ष पर हमला बोलने के लिए कुछ नए चेहरों को भी मौका दे सकती है।
सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल (Image Source- Twitter, Jamyang Tsering Namgyal )
भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी और सांसद ने आईएएनएस से कहा, "हम तो चाहते ही हैं कि संसद में देश के सभी ज्वलंत मुद्दों पर बहस हो। कुछ नए सुझाव सामने आएं, जिससे देश की जनता के लिए संसद की उपयोगिता साबित हो। लेकिन, विपक्ष को किसी मुद्दे पर हंगामा करने की जगह विषयों पर सकारात्मक चर्चा पर ध्यान केंद्रित करना होगा, तभी संसद की बैठकों का अच्छा परिणाम सामने आ सकता है। जो भी मुद्दे उठेंगे, भाजपा पूरी तैयारी से उसका जवाब देगी।"
कांग्रेस भी मानसून सत्र को लेकर खास तैयारी में जुटी है। संसद के मानसून सत्र से पहले कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से लोकसभा और राज्यसभा के लिए पार्टी नेताओं की गईं नई नियुक्तियों से इसके संकेत मिलते हैं। सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश को जहां राज्यसभा में मुख्य सचेतक नियुक्त किया है, वहीं गौरव गोगोई को लोकसभा में पार्टी का उपनेता और लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को सचेतक बनाया है। हालांकि, पहले की तरह अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में और गुलाम नबी आजाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता बने रहेंगे।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Image: Wikimedia Commons)
कोरोना के कारण संसद का मानसून सत्र इस बार देरी का शिकार हुआ है। 14 सितंबर से एक अक्टूबर तक लगातार सत्र चलाने की तैयारी है। कोरोना के कारण विशेष इंतजामों के बीच मानसून सत्र का संचालन होगा। बताया जा रहा है कि सुबह और शाम की शिफ्टों में सत्र का संचालन हो सकता है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन परिसर में आने वाले सभी सांसदों, उनके स्टाफ आदि का कोरोना टेस्ट भी अनिवार्य कर दिया है।(आईएएनएस)