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दिल्ली सरकार की लापरवाही पर नाराज़ हुआ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

NewsGram Desk

दिल्ली सरकार की ओर से राजधानी में प्रदूषण रोकने की दिशा में समय से कई ठोस कदम न उठाए जाने पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने खिंचाई की है। पर्यावरण मंत्रालय के अधीन आने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने दिल्ली सरकार को कड़ा पत्र लिखकर उन कार्यों की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया है, जो अभी तक नहीं हो पाए हैं।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शीतकाल के लिए एक्शन प्लान न देने और राजधानी में कचरे का निस्तारण न होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का यह पत्र केजरीवाल सरकार के उन दावों के विपरीत है, जो उन्होंने प्रदूषण रोकने को लेकर किए हैं।

दिल्ली के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में सीपीसीबी ने बताया है कि राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले प्रमुख स्रोतों पर तत्काल एक्शन लेने की जरूरत है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शीतकाल के लिए अब तक दिल्ली सरकार की ओर से कोई एक्शन प्लान न पेश करने पर खिंचाई की है। इस पत्र में कई ऐसे कार्य दिल्ली सरकार को बताए हैं, जिन्हें करना बहुत जरूरी है।

आईएएनएस के पास मौजूद पत्र में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि दिल्ली में 3 प्रमुख लैंडफिल साइटों पर 280 लाख टन कचरा पड़ा हुआ है। यह प्रदूषण के मुख्य कारणों में से है। इससे वायु ही नहीं बल्कि मृदा सहित कई तरह के प्रदूषण हो रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वजीरपुर हॉटस्पॉट के प्रबंधन के लिए कोई कार्ययोजना अब तक न मिलने पर नाराजगी जाहिर की है।

दिल्ली सरकार ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह भी नहीं बताया है कि पौधरोपण और पक्की सड़क निर्माण लक्ष्यों को लेकर क्या योजना है। दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए पौधरोपण की योजना सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक है, मगर दिल्ली सरकार की ओर से इसका उल्लेख न करना लापरवाही दर्शाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पत्र में दिल्ली के ऐसे 20 से अधिक क्षेत्रों की सूची दी है, जहां निर्माण कार्यों से जुड़े कचरे के निस्तारण के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। समय रहते कार्रवाई न होने पर दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ेगी। सीपीसीबी की चिट्ठी में दिल्ली की 10 प्रमुख सड़कों के विभिन्न स्ट्रेच पर धूल का अंबार लगे होने की बात कही गई है।

बोर्ड ने कहा है कि दिल्ली के लगभग 30 इलाकों में आज भी कच्ची सड़कें हैं। यह कच्ची सड़कें धूल से भरी रहती हैं, जिससे प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है। दिल्ली के 10 से अधिक क्षेत्रों में आज भी कचरे को खुलेआम जलाया जा रहा है। यह वायु प्रदूषण में इजाफा करता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने औद्योगिक उत्सर्जन और यातायात भीड़ की दिशा में भी कार्रवाई करने की जरूरत बताई है। (आईएएनएस)

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