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राम मंदिर मुद्दे पर दलितों को भड़काने के चक्कर में गिरफ्तार हुआ ब्राह्मणघृणा से ग्रसित तथाकथित पत्रकार प्रशांत कनौजिया

NewsGram Desk

दी वायर के पूर्व तथाकथित पत्रकार व हिन्दू घृणा से ग्रसित वांपथियों के चहेते प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के बाद से ही लिब्रल ब्रिगेड, 'पत्रकार की आज़ादी पर हमला' जैसे नारों के साथ हाय तौबा मचाने लगी है। 

16 अगस्त की शाम 6 बज कर 10 मिनट पर प्रशांत कनौजिया ने हमेशा की तरह अपने ट्वीटर हैंडल से ब्राह्मणों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश की थी। उस ट्वीट में प्रशांत कनौजिया ने एक पोस्टर साझा किया था जो कथित तौर पर किसी हिन्दू आर्मी के विनय तिवारी का था। प्रशांत द्वारा साझा किए गए उस पोस्टर में "राम मंदिर में शूद्रों एससी एसटी का प्रवेश निषेद रहेगा" जैसी बातें लिखी हुई थी, जिसे ऐसा परोसने की कोशिश की जा रही थी जैसे वह मांग विनय तिवारी कर रहे हैं। 

वह पोस्टर पहली झलक से ही फर्जी व एडिटेड प्रतीत हो रहा था। बाद में लोगों ने कमेंट सेक्शन में विनय तिवारी का असली पोस्टर दिखा कर प्रशांत कनोजिया की पोल खोलनी शुरू की तो उसने वह ट्वीट ही डिलीट कर दिया। लेकिन ट्वीट डिलीट करने तक इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया था और उसी ट्वीट के कमेंट सेक्शन में भड़के हुए दलित समुदाय के लोगों ने विनय तिवारी को गालियां देना भी शुरू कर दिया था। 

जातीय सद्भाव बिगाड़ने व हिंसा भड़काने के मकसद से किया गया यह फर्जी ट्वीट इतना वायरल हो गया की कुछ लोगों ने प्रशांत के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज करा दिये। आज उसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा प्रशांत की गिरफ्तारी हुई है। 

इस गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए प्रशांत के मित्र पुनीत सिंह ने ट्वीटर पर लिखा है कि जिस ट्वीट के लिए प्रशांत को गिरफ्तार किया गया है, व ट्वीट प्रशांत ने कभी किया ही नहीं था और उन पर लगाए गए ये आरोप झूठे हैं।

हालांकि अब अपने खुद के इस दावे वाले ट्वीट को भी पुनीत सिंह ने डिलीट कर दिया है।

आपको बता दें कि पुनीत के दावे के विपरीत प्रशांत ने ना सिर्फ उस ट्वीट को किया था, बल्कि पुनीत सिंह द्वारा ही उस वक़्त उसे रीट्वीट भी किया गया था। प्रशांत कनौजिया के उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट व आरकाइव लिंक भी मौजूद है जिसे आप यहाँ देख सकते हैं। 

ग़ौरतलब है कि पुनीत सिंह भी अपने मित्र, कनौजिया के पथ पर चलते हुए दलित समुदाय को भड़काने का काम लंबे समय से करते आ रहे हैं। 

इस गिरफ्तारी के बाद से ही पूरा लेफ्ट वामपंथी ब्रिगेड 'विक्टिम मोड' में चला गया है। इनकी पूरी जमात योगी/मोदी सरकार को तानाशाह साबित करने में जुट गयी है व प्रशांत कनौजिया के रिहाई कि मांग कर रही है। 

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