उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) में जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं वैसे-वैसे राज्य में दुर्लभ प्रवासी पक्षी(Rare Migratory Birds) देखने को मिल रहे हैं। राजधानी लखनऊ(Lucknow) में सोमवार को कई दुर्लभ पक्षी देखने को मिले। पक्षी देखने वालों का कहना है कि भारतीय पित्त(Indian Pitta) (इसके पंखों में 9 रंगों के लिए इसे 'नवरंग' भी कहा जाता है)। इसी के साथ ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र से आने वाली प्रवासी बतख, सुर्ख शेल्डक (Tulip Shelduck), ब्लैक हुडेड ओरिओल(Black Hooded Oriole) और उत्तरी साइबेरिया के प्रवासी पक्षी, उत्तरी पिंटेल (Northern Pintail) कुछ अन्य दुर्लभ पक्षी हैं, जिन्हें यहां देखा गया।
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के पूर्व निदेशक और एक उत्साही पक्षी निरीक्षक असद आर रहमानी के मुताबिक, "लखनऊ में पक्षियों द्वारा पसंद किए जाने वाले कई गांव हैं जो पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य के सबसे महत्वपूर्ण संकेतक हैं। वे प्रकृति के स्वास्थ्य को स्थिर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे पर्यावरण प्रणाली के जैव संकेतक के रूप में जाने जाते हैं।"
विभिन्न शहरों के पक्षियों पर सात किताबें लिखने वाले आईएएस अधिकारी संजय कुमार ने कहा कि किसी शहर में पक्षियों की विविधता होने पता चलता है कि वह स्थान कितना सुरक्षित है।
कुमार ने नीरज श्रीवास्तव के साथ मिलकर 'बर्डस ऑफ लखनऊ' नामक पुस्तक लिखी है, जो शहर में पाए जाने वाले 250 से ज्यादा प्रकार के पक्षियों का एक दस्तावेज है।
श्रीवास्तव ने कहा, "पक्षी जीवन का अभिन्न अंग हैं। वे हमें प्रकृति का सम्मान करने का मौका देते हैं जो कई बार प्यार का प्रतिफल देती है।"
लखनऊ में लगभग 200 पक्षी देखने वालों के एक समूह ने कुकरैल जंगल को पक्षी देखने के लिए सबसे पसंदीदा स्थल बताया है।
आईआईएम-लखनऊ परिसर, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस) परिसर, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर , रेजीडेंसी परिसर, छावनी और लखनऊ के आसपास वेटलैंड वाले इलाके पक्षियों के लिए अन्य गंतव्य हैं।
Input-IANS; Edited By- Saksham Nagar