Banking Women Artisans: कार्यक्रम के जरिये 14,000 से अधिक महिलाएं लाभांवित

 

Banking Women Artisans(सांकेतिक/ Wikimedia Image)

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Banking Women Artisans: कार्यक्रम के जरिये 14,000 से अधिक महिलाएं लाभांवित

भारत भर में महिला कारीगरों की सहायता करने के उद्देश्य से अमेरिकन एक्सप्रेस - विश्व स्तर पर एकीकृत भुगतान कंपनी - दस्तकार(Dastkar), एक एनजीओ के साथ मंगलवार को छतरपुर में नेचर बाजार स्थल पर 'बैकिंग वीमेन आर्टिसंस'(Banking Women Artisans) नामक एक समर्थन कार्यक्रम आयोजित किया।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: भारत भर में महिला कारीगरों की सहायता करने के उद्देश्य से अमेरिकन एक्सप्रेस - विश्व स्तर पर एकीकृत भुगतान कंपनी - दस्तकार(Dastkar), एक एनजीओ के साथ मंगलवार को छतरपुर में नेचर बाजार स्थल पर 'बैकिंग वीमेन आर्टिसंस'(Banking Women Artisans) नामक एक समर्थन कार्यक्रम आयोजित किया। भारत भर में 14,000 से अधिक महिलाओं को लाभान्वित करते हुए कार्यक्रम ने बाजार दृश्यता, मान्यता और कमाई के माध्यम से उनके आर्थिक सशक्तिकरण का समर्थन किया है और कोविड-19 महामारी से प्रभावित महिलाओं के नेतृत्व वाले छोटे व्यवसायों के बीच वित्तीय लचीलापन बनाने में मदद की है।

'एट होम' थीम के आधार पर प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में घरेलू उत्पाद जैसे सॉफ्ट फर्निशिंग, होम एक्सेसरीज, आर्ट और वॉल हैंगिंग, बास्केटरी और फ्लोर कवरिंग शामिल थे।

अद्वितीय पहचान और बदलाव लाने की दृढ़ इच्छाशक्ति वाले बारह महिला-आधारित शिल्प समूहों को पूरे भारत से चुना गया था।

चार डिजाइनरों - हरप्रीत पदम, पुनीत कौशिक, रेमा कुमार, संगीता सेन - को विभिन्न शिल्प तकनीकों के साथ काम करने में 25 से अधिक वर्षो का अनुभव और विशेषज्ञता प्राप्त है और प्रत्येक समूह के साथ नौ महीने की अवधि में काम किया और प्रत्येक रेंज में एक शो-स्टॉपर पीस सहित 15 वस्तुओं की एक श्रृंखला तैयार की।

Banking Women Artisans: कार्यक्रम के जरिये 14,000 से अधिक महिलाएं लाभांवित



इस कार्यक्रम में बात करते हुए पद्मश्री पुरस्कार(Padmashree Award) से सम्मानित और दस्तकार की सह-संस्थापक और अध्यक्ष, लैला तैयबजी ने कहा : "हमारी परियोजना के पहले चरण के अंत में केवल निर्वाह से अधिक को संबोधित करने की स्पष्ट जरूरत थी। परम अस्तित्व और स्थिरता के लिए हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत थी कि भारतीय शिल्पकारियों के हाथ कौशल भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपना सही स्थान प्राप्त करें। इसके लिए नए उत्पाद विकास और डिजाइन एक पहली जरूरत थी।"



हरियाणा से बाहर स्थित एक शिल्प समूह एक्शन सेंटर फॉर ट्रांसफॉर्मेशन (एसीटी) की संस्थापक नीलांजना दास ने कहा, "परियोजना का रचनात्मक समर्थन रहा है, जिसने हमें व्यापक बाजार के लिए नए स्केलेबल उत्पाद बनाने पर विचार करने में मदद की।"

--आईएएनएस/VS

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