Kapoor Family of Bollywood: बॉलीवुड की बात करे तो कपूर खानदान को कोई नहीं भूल सकता है।आज कपूर खानदान का मनोरंजन जगत में खूब नाम है। (Wikimedia Commons) 
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पृथ्वी थिएटर में झाड़ू लगाया करते थे ये मशहूर अभिनेता मिलती थी 1 रुपये सैलेरी

उनके पिता पृथ्वीराज कपूर फेमस कलाकार और फिल्ममेकर थे। वहीं, उनकी माता रामसरनी देवी कपूर हाउस वाइफ थीं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Kapoor Family of Bollywood: बॉलीवुड की बात करे तो कपूर खानदान को कोई नहीं भूल सकता है। पृथ्वीराज कपूर के बेटे और भारतीय सिनेमा के शोमैन राज कपूर जी ने बॉलीवुड में अपना नाम कमाने के लिए बहुत मेहनत की। उसी का नतीजा है कि आज कपूर खानदान का मनोरंजन जगत में खूब नाम है।

राज कपूर का जन्म पेशावर में 14 दिसम्बर 1929 को हुआ था। उनके पिता पृथ्वीराज कपूर फेमस कलाकार और फिल्ममेकर थे। वहीं, उनकी माता रामसरनी देवी कपूर हाउस वाइफ थीं। राज कपूर के जन्म का नाम सृष्टिनाथ कपूर था। राज कपूर ने अपनी पढ़ाई देहरादून, कोलकाता और मुंबई में की थी। शुरुआती दिनों में बताया जाता है कि राज कपूर पृथ्वी थिएटर में झाड़ू लगाया करते थे और इसके उन्हें 1 रुपये सैलेरी मिला करता था।1935 में आई फिल्म 'इंकलाब' में वे एक छोटे से किरदार में नजर आए थे और उस समय उनकी उम्र 10 साल थी।

'नीलकमल' में उन्होंने मधुबाला के अपोजिट काम किया था। फिल्म ने राज कपूर को बॉलीवुड में एक नई पहचान दिलाई। (Wikimedia Commons)

' नीलकमल ' फिल्म ने खोल दी किस्मत

पृथ्वीराज कपूर की सलाह पर राज कपूर निर्देशक केदार शर्मा की फिल्मों में क्लैपर बॉय का काम करने लगे थे। एक बार गलत क्लैप करने पर उन्हें केदार शर्मा से काफी डांट भी पड़ी थी। इसके बाद केदार ने ही 'नीलकमल' फिल्म में बतौर एक्टर राज कपूर को मौका दिया था। फिल्म 'नीलकमल' ने राज कपूर को बॉलीवुड में एक नई पहचान दिलाई। इस फिल्म में उन्होंने मधुबाला के अपोजिट काम किया था। राज कपूर को 'नीलकमल' के बाद कई फिल्मों के प्रस्ताव मिलने लगे थे।

राज कपूर सिर्फ 24 साल की उम्र में निर्देशन की दुनिया में भी आ गए। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं। (Wikimedia Commons)

निर्देशक भी बनें

हीरो के तौर पर वे फिल्में कर रहे थे लेकिन सिर्फ 24 साल की उम्र में वे निर्देशन की दुनिया में भी आ गए। उनके निर्देशन में बनी पहली फिल्म का नाम था 'आग'। यह फिल्म 1948 में आई थी और इसमें राज कपूर के साथ नरगिस और कामिनी कौशल थीं।फिल्म 'आग' बड़े पर्दे पर इतना अच्छा नहीं लगा लोगों को लेकिन राज कपूर ने हार नहीं मानी और इसके बाद 1949 में एक बार फिर नरगिस के साथ फिल्म 'बरसात' लेकर आए और यह ब्लॉकबस्टर साबित हुए।

राज कपूर ने आरके स्टूडियो की स्थापना की। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं और कई कलाकारों की किस्मत चमकाई। उन्हें इंडस्ट्री में शोमैन का नाम दिया गया था परंतु राज कपूर अस्थमा से परेशान थे और इस कारण उन्हें कई तरह के शारीरिक रोग होने लगे थे। 2 जून 1988 को नई दिल्ली में 63 साल की उम्र में राज कपूर का देहांत हो गया।

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