सोनाक्षी सिन्हा ने अपने पति ज़हीर इक़बाल से शादी के बाद जो बातें कही हैं, उन्होंने एक बार फिर दिखाया है कि आधुनिक ज़माने की बेटियाँ परंपराओं से दूर नहीं हुई हैं Instagram
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सोनाक्षी सिन्हा: आधुनिक सोच के साथ पारिवारिक जुड़ाव की मिसाल

सोनाक्षी सिन्हा ने अपने पति ज़हीर इक़बाल से शादी के बाद जो बातें कही हैं, उन्होंने एक बार फिर दिखाया है कि आधुनिक ज़माने की बेटियाँ परंपराओं से दूर नहीं हुई हैं। उन्होंने साफ़ कहा कि वो ससुराल के साथ रहना चाहती हैं, न कि अलग, और इसी के साथ उन्होंने घरेलू स्टीरियोटाइप तोड़ते हुए हँसी-खुशी भरी एक मिसाल पेश की है।

Bhavika Arora
  • सोनाक्षी सिन्हा का परिवार और ससुराल के साथ रहने का निर्णय

  • शादी के बाद की उनकी सोच और आधुनिक व पारंपरिक मूल्यों का मेल

  • घरेलू स्टीरियोटाइप्स और ‘परफेक्ट बहू’ की परिभाषा पर उनका मज़ेदार नजरिया

सोनाक्षी सिन्हा (Sonakshi Sinha) ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि शादी से पहले ज़हीर इक़बाल (Zaheer Iqbal) ने उनसे पूछा था कि क्या वो उनके परिवार से अलग रहना चाहती हैं। इस पर सोनाक्षी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “नहीं, मैं तुम्हारे साथ ही रहूंगी। अगर तुम्हें जाना है, तो तुम चले जाना।”

उनके इस जवाब से पता चलता है कि वो सिर्फ़ एक ‘सेलिब्रिटी वाइफ’ नहीं हैं, बल्कि एक ऐसी लड़की हैं जो परिवार के साथ रहने को महत्व देती हैं। आज के समय में जब बहुत से लोग शादी के बाद अलग रहने को सहज मानते हैं, सोनाक्षी का यह निर्णय इस बात की मिसाल है कि पारिवारिक जुड़ाव और अपनापन अभी भी हमारे समाज की जड़ों में है।

सोनाक्षी ने बताया कि ज़हीर का परिवार बहुत ही ‘क्लोज़-निट’ यानी आपस में गहराई से जुड़ा हुआ है। सब लोग एक-दूसरे के साथ ट्रैवल करते हैं, समय बिताते हैं और हँसते-मुस्कुराते रहते हैं। उन्होंने कहा कि उनके ससुराल में माहौल बहुत सकारात्मक और प्यार भरा है, जहां उन्हें किसी भी तरह की औपचारिकता महसूस नहीं होती।

यह बात यह दिखाती है कि जब दोनों परिवारों में खुलापन और अपनापन होता है, तो शादी सिर्फ़ दो लोगों का नहीं, बल्कि दो परिवारों का सुंदर संगम बन जाती है।

इंटरव्यू में सोनाक्षी (Sonakshi) ने यह भी बताया कि उन्हें और उनकी सास को खाना बनाना नहीं आता। जब उन्होंने यह बात अपनी सास को बताई, तो सास ने मुस्कुराते हुए कहा, “तू सही घर पे आई है।” यह लाइन सोशल मीडिया (social media) पर खूब वायरल हुई क्योंकि इसने लोगों को यह दिखाया कि ‘परफेक्ट बहू’ का मतलब सिर्फ़ खाना बनाना या घर संभालना नहीं है, बल्कि परिवार में प्यार और समझ होना ज़्यादा ज़रूरी है।

इस बात से यह भी समझ आता है कि आज के परिवारों में सोच बदल रही है। अब बहू या बेटी से उम्मीद यह नहीं रहती कि वो सब कुछ त्याग दे, बल्कि यह कि वो परिवार का हिस्सा बनकर खुश रहे और सबको साथ लेकर चले।

सोनाक्षी सिन्हा की यह कहानी सिर्फ़ एक सेलिब्रिटी इंटरव्यू नहीं है, बल्कि भारतीय (indian) परिवारों की बदलती तस्वीर है

सोनाक्षी सिन्हा (sonakshi sinha) की सोच एक नई पीढ़ी की झलक देती है, जहाँ महिलाएँ अपने फैसले खुद लेती हैं, लेकिन परिवार से दूरी नहीं बनातीं। उन्होंने यह साबित किया है कि ‘आधुनिक’ होने का मतलब परंपराओं से अलग होना नहीं, बल्कि उन्हें नए तरीके से जीना है। उनका यह नजरिया आज की उन लड़कियों के लिए प्रेरणा है जो शादी के बाद अपनी पहचान और स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहती हैं, लेकिन परिवार का हिस्सा भी बनना चाहती हैं।

सोनाक्षी का बयान यह संदेश देता है कि अब ‘परफेक्ट बहू’ वह नहीं जो चुपचाप हर बात मान ले, बल्कि वह है जो अपनी बात प्यार से रखे, रिश्तों में खुलापन लाए और एक स्वस्थ माहौल बनाए। उनकी कहानी यह भी दिखाती है कि जब सास-बहू के बीच में दोस्ती और समझ हो, तो घर एक घर जैसा महसूस होता है, न कि जिम्मेदारियों का बोझ।

निष्कर्ष

सोनाक्षी सिन्हा की यह कहानी सिर्फ़ एक सेलिब्रिटी इंटरव्यू नहीं है, बल्कि भारतीय (indian) परिवारों की बदलती तस्वीर है। उन्होंने दिखाया कि प्यार और सम्मान के साथ परंपरा और आधुनिकता दोनों को निभाया जा सकता है। उनकी सादगी और ईमानदारी इस बात की याद दिलाती है कि रिश्तों में “हम” ज़्यादा ज़रूरी है, “मैं” नहीं।

सोनाक्षी सिन्हा की शादी और उनका जीवन दृष्टिकोण हमें यह सिखाता है कि आधुनिक सोच और पारिवारिक जुड़ाव एक साथ चल सकते हैं। प्यार, हँसी और समझदारी ही हर रिश्ते की असली ताकत है।

RH

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