न्यूज़ग्राम हिंदी: बॉलीवुड की सबसे पहली डांसर की बात की जाए तो बहुत लोगों के ख्याल में नाम आएगा हेलेन का हालांकि बहुत कम लोग जानते हैं कि उनसे पहले भी एक नाम आता है। 40 और 50 के दशक के फिल्मों में गाने की धुन पर थिरकने वाली डांसर हैं। कुक्कू मोरे उस समय शायद ही कोई ऐसी फिल्म होती थी जिसमे कुक्कू मोरे का डांस ना हो। इतनी मशहूर के बाद भी इन्हें अपने अंतिम दिनों में भर पेट खाना भी नसीब नहीं हुआ। जानिए ऐसा क्या हुआ कि एक समय की इतनी चर्चित डांसर को अपने अंतिम दिनों में भयावह गरीबी झेलनी पड़ी।
बचपन से डांस का शौक रखने वाली कुक्कू मोरे का जन्म साल 1928 में 'एंग्लो परिवार' में हुआ। इन्हें फिल्म जगत में 'रबर गर्ल' नाम से भी जाना जाता है। एक समय ऐसा था जब इनकी फीस फिल्मों में काम करनेवाले एक्टर से भी ज़्यादा हुआ करती थी। कुक्कू अपने एक डांस के लिए 6,000 की फीस लेती थी।
साल 1946 में नानूभाई द्वारा निर्देशित फिल्म 'अरब का सितारा' में पहली बार कुक्कू को डांस का मौका मिला।उनका पहला ही डांस इतना बढ़िया था कि इसके बाद उन्हें बड़ी बड़ी फिल्मों में डांस करने का मौका मिला। मध्यम वर्गीय परिवार से आई कुक्कू को किसी भी शास्त्रीय डांस की कोई सीख नहीं मिली थी लेकिन फिर भी इनके नृत्य में गति और शिष्टता का मेल देखने को मिलता था।
एक समय पर कुक्कू की फीस फिल्मों में काम करने वाले कलाकारों से भी ज़्यादा थी। कुक्कू को शानो शौकत का बेहद शौक था।यही कारण है कि उनके पास महंगी कारें और महंगी ब्रीड के कुत्ते थे। यह कुक्कू ही थीं जिनके कारण हेलेन फिल्मों में आई, कुक्कू ने उन्हें दिशा दिखाई।
आगे चलकर एक समय ऐसा आया जब उनकी फ़िज़ूल खर्ची उन पर भारी पड़ गई। आय कर का उल्लंघन करने के चक्कर में उनकी सारी संपत्ति जब्त कर ली गई। यही कारण था कि अंतिम समय में कुक्कू को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा।
जीवन के अंतिम दिनों में कुक्कू दाने दाने की मोहताज़ हो गई थी। अपनी इस हालत का जिम्मेदारी वे खुद को ही मानती हैं। जिस बॉलीवुड से उनका इतना गहरा रिश्ता था, उनमें से कोई भी इनकी मौत पर आंसू बहाने कोई नहीं आया।
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