फिल्मों की दुनियां में अक्सर एक्टर्स की जिंदगी में ऐसा मोड़ आता है जब उनकी फिल्में या तो काफी सुपरहिट होने लगती हैं या फिर लागातार फिल्में फ्लॉप होने लगती हैं। आज हम बात करेगें साउथ इंडियन फिल्मों के सुपरस्टार प्रभास की। जी हां बाहुबली प्रभास इन दिनों सिर्फ एक सुपरहिट फिल्म के लिए तरस रहें हैं, क्योंकि पिछले 6 सालों से उन्हे एक भी ऐसी फ़िल्म नहीं मिली जिससे उन्हें उनकी एक्टिंग करियर को और बेहतर करने का मौका मिल सके।
प्रभास ने अपने अभिनय की शुरुआत 2002 के तेलुगु नाटक ईश्वर से की थी, जो एक एवरेज फिल्म थी। दूसरी बार वे Raghavendra में दिखे और ये फ्लॉप हुई। इसके बाद में एक्शन रोमांस वर्षम (2004) से उन्हें सफलता मिली। प्रभास अब तक के अपने करियर में 6 फ्लॉप फिल्में दे चुके हैं।उनकी बेहतरीन फिल्में छत्रपति (2005), बुज्जीगाडु (2008), बिल्ला (2009), डार्लिंग (2010), मिस्टर परफेक्ट (2011), और मिर्ची (2013) शामिल हैं, जिन्होंने बाद में अपने प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का नंदी पुरस्कार जीता है।
इसके बाद 2015 में प्रभास ने एस.एस. राजामौली की एपिक एक्शन ड्रामा 'बाहुबली: द बिगिनिंग' में शीर्षक भूमिका निभाई, जो अब तक की तेरहवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। बाद में प्रभास ने इसके सीक्वल, बाहुबली 2: द कन्क्लूजन में अपनी भूमिका दोहराई, जो केवल दस दिनों में सभी भाषाओं में 1,000 करोड़ रुपए (US$155 मिलियन) से अधिक की कमाई करने वाली पहली भारतीय फिल्म बन गई और दूसरी सबसे बड़ी फिल्म है जिससे प्रभास को अंतर्राष्ट्रीय पहचान हासिल करने में मदद मिली।
भारतीय सिनेमा में सबसे अधिक कमाई करने वाले अभिनेताओं में से एक प्रभास 2015 से फोर्ब्स इंडिया की सेलिब्रिटी 100 सूची में शामिल हैं। अभिनय के क्षेत्र में उन्हें सात फिल्मफेयर पुरस्कार नामांकन, एक नंदी पुरस्कार और एक एसआईआईएमए पुरस्कार मिला है। लेकिन बाहुबली के बाद से ही 6.2 हाइट के प्रभास एक हिट को तरस रहे हैं और 6 साल से वे बैक टू बैक फ्लॉप फिल्में ही दे रहे हैं।
वे एक्शन थ्रिलर साहो में दिखे जिसकी ओपनिंग अच्छी थी लेकिन बाद में इसे भी लोगों ने नकार दिया। इसके बाद प्रभास रोमांटिक ड्रामा राधे श्याम में दिखे। फिर वे पौराणिक ड्रामा आदिपुरुष में दिखे और ये भी एक बड़ी डिजास्टर साबित हुई। इससे उनकी इमेज को लेकर लोगों ने कई तरह के सवाल किए। अपने फ़िल्मी करियर के अलावा प्रभास को परोपकारी कारणों को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है। वे महिंद्रा TUV300 के ब्रांड एंबेसडर हैं।