Gujarat की Kshama बनेंगी स्वयं से विवाह करने वाली पहली महिला: Sologamy (सांकेतिक) Wikimedia Commons
थोड़ा हट के

Gujarat की Kshama होंगी स्वयं से विवाह करने वाली पहली महिला: Sologamy

Kshama ने कहा कि वो कभी शादी नहीं करना चाहती थीं, लेकिन उनका ख्वाब था कि वो एक बार दुल्हन जरूर बनें।

Prashant Singh

पिछले एक दो दिनों से एक शब्द पर चर्चा काफी तेज हो गई है। वो शब्द है 'सोलोगैमी' (Sologamy), अर्थात स्वयं से विवाह (Self-Marriage)। इसका पहला मामला गुजरात (Gujarat) के वडोदरा शहर से सामने आया है। यहाँ की निवासी क्षमा बिन्दु (Kshama Bindu) की इसी महीने बहुत जल्द शादी होने वाली है। पर इस शादी की खास बात कहें या फिर अजीबोगरीब बात, बात यह होगी कि इसमें कोई दूल्हा नहीं होगा।

यह शादी जरा हट कर है, जिसमें 24 वर्षीया Kshama Bindu खुद के साथ ही सात फेरों के बंधन में बांध जाएंगी। बात दें कि इनकी शादी 11 जून को सम्पन्न होगी जिसमें फेरे, सिंदूर, मेहंदी, हल्दी समेत सभी रस्मों की अदायगी होगी। इसके बाद वो शायद गोवा भी जाएंगी खुद के साथ हनीमून मनाने।

यह विवाह न केवल अद्भुत है बल्कि एक विश्वास का परिचायक भी है कि स्त्री को सम्पूर्ण करने के लिए किसी पुरुष की कोई आवश्यकता नहीं है। शक्ति का केंद्र और भंडार वह स्वयं में सम्पूर्ण है और क्षमता रखती है नवसृजन का। क्षमा के इस उदाहरण में आत्म-प्रेम का अनूठा उदाहरण देखा जा सकता है, जहां पहली दफा किसी ने अपनी आत्मा को इस प्रकार का महत्व दिया है।

अपने एक टीवी साक्षात्कार में Kshama ने कहा था कि वो कभी शादी नहीं करना चाहती थीं, लेकिन उनका ख्वाब था कि वो एक बार दुल्हन जरूर बनें। और यह कारण पर्याप्त था उनका स्वयं से शादी करने के फैसले के लिए।

क्षमा बिन्दु कहती हैं कि उन्होंने इसके बारे में काफी रिसर्च किया पर ऐसा कोई मामला या प्रसंग नहीं मिला जिसमें स्वयं से विवाह या एकल विवाह का उदाहरण मिल पाए। उन्होंने फिर पाया कि एक Sologamy जैसी भी कोई चीज होती है, जिसके अंतर्गत उन्होंने फैसला लिया कि वो स्वयं से शादी करेंगी। उन्होंने कहा कि शायद वो पहली स्त्री हैं भारत में जो आत्म-प्रेम का सटीक उदाहरण स्थापित करेंगी।

अपने बचपन के दिनों की बात करते हुए उन्होंने बताया कि वो बचपन में शीशे के सामने खड़े होकर खुद से कहती थीं, 'क्षमा मैं तेरा साथ कभी नहीं छोड़ूँगी'। बचपन से ही इस तरह के विचार से बड़ी हुई Kshama बताती हैं कि उन्होंने एक वेबसिरीज में एक डायलॉग सुना था 'Every Woman Wants To Be A Bride But Not Wife'। इसके बाद क्षमा ने पक्का इरादा बना लिया कि वो अब स्वयं से विवाह करेंगी, जिसमें वो स्वयं का साथ निभाने के लिए सक्षम हैं।

उनको कोई लड़का नहीं मिला, इस तरह के प्रश्न पर वो कहती हैं कि वो बाइसेक्शूअल हैं और उन्हें लड़का-लड़की दोनों पसंद हैं, पर उससे भी बढ़कर उन्हें सबसे ज्यादा पसंद वो खुद हैं। माता-पिता की इस शादी को लेकर प्रतिक्रिया पूछे जाने पर क्षमा कहती हैं कि उनके माता-पिता का पूरा सपोर्ट उन्हें प्राप्त है।

स्व-विवाह पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने इसे एक ऐसी आत्म-स्वीकृति बताई जिसमें स्वयं के लिए प्रतिबद्धता है, स्वयं से बिना किसी शर्त के प्यार करने की पहल है। लोग अक्सर ऐसे व्यक्ति को जीवन साथी बनाते हैं, जिनसे वो प्यार करते हैं, और क्षमा स्वयं से प्यार करती हैं, इसीलिए वो खुद से शादी कर रही हैं।

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।