न्यूजग्राम हिंदी: क्वेटा की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान (Imran Khan) के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की कई धाराओं के तहत दर्ज एक मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। जियो न्यूज ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूर्व प्रधानमंत्री को अदालत में पेश करें।
रविवार को एक भाषण के दौरान राजकीय संस्थानों और उनके अधिकारियों के खिलाफ टिप्पणियों के कारण क्वेटा के एक पुलिस स्टेशन में खान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शिकायतकर्ता अब्दुल खलील काकर ने पीटीआई प्रमुख के खिलाफ बिजली रोड थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। काकर ने आरोप लगाया था कि पीटीआई प्रमुख का बयान सार्वजनिक शांति और व्यवस्था को नष्ट करने का प्रयास है। हाल ही में तोशखाना मामले में गिरफ्तार करने के लिए इस्लामाबाद पुलिस (Islamabad Police) की एक टीम जमान पार्क स्थित इमरान खान के आवास पर पहुंची थी। इसके बाद रविवार को पीटीआई प्रमुख ने एक भाषण में 'राजकीय संस्थानों' पर कड़ा प्रहार किया था।
इस्लामाबाद पुलिस आवास पर पहुंची
जियो न्यूज ने बताया कि पिछले साल अप्रैल में सत्ता से बेदखल किए गए अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खाने ने लाहौर में अपने जमान पार्क स्थित आवास पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को संबोधित करते हुए अपने गुस्से का इजहार किया था। इसके बाद उन्होंने 'जेल भरो तहरीक' आंदोलन में भाग लिया था। पीटीआई अध्यक्ष ने अपने उग्र भाषण में कहा कि उन्होंने न तो किसी संस्थान या व्यक्ति के सामने घुटने टेके हैं और न ही देश को ऐसा करने देंगे। जियो न्यूज के मुताबिक, खान ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सरकार ने उनका नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में रखा है, क्योंकि देश छोड़ने का उनका कोई इरादा नहीं है। खान ने पूर्व सेना प्रमुख को फटकार लगाते हुए आरोप लगाया कि जनरल (सेवानिवृत्त) कमर जावेद बाजवा ने एक साजिश के जरिए देश पर अपराधियों के एक समूह को थोप दिया। अपदस्थ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें फर्जी मामलों में अदालतों में घसीटा जा रहा है।
आईएएनएस/PT