United Kingdom’s contaminated blood scandal : संक्रमित खून से इलाज के बाद हजारों लोगों की मौत हो गई थी, इसी कारण ब्रिटेन के लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। (Wikimedia Commons) 
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ब्रिटेन में संक्रमित खून से किया गया इलाज, हजारों की संख्या में हुई मौत

न्यूज़ग्राम डेस्क

United Kingdom’s contaminated blood scandal : ब्रिटेन ब्लड स्कैंडल से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। एक रिपोर्ट ने अपनी जांच में यूके के दशकों पुराने ब्लड स्कैंडल का खुलासा किया है, जिसकी रिपोर्ट अब सार्वजनिक कर दी गई है। इसमें संक्रमित खून से इलाज के बाद हजारों लोगों की मौत हो गई थी, इसी कारण ब्रिटेन के लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सरकार ने उन गलतियों को छुपाया जिसके कारण हजारों की संख्या में लोग एचआईवी या हेपेटाइटिस से संक्रमित हुए। जांच कमेटी के अध्यक्ष ब्रायन लैंगस्टाफ ने कहा कि लगातार सरकारों ने ‘अपना चेहरा और खर्च बचाने के लिए’ सच्चाई को छिपाया।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि यह ‘ब्रिटिश सरकार के लिए शर्म का दिन’ था। उन्होंने संसद में कहा, ‘मैं इस भयानक अन्याय के लिए तहे दिल से माफी मांगना चाहता हूं।’ ब्रिटिश सरकार द्वारा मुआवजा देने के लिए 10 अरब पाउंड यानी 12.70 अरब डॉलर से अधिक खर्च करने की उम्मीद है। यह जांच छह साल पहले 2017 में शुरू की गई थी, इसका उद्देश्य यह देखना था कि 1970 और 1980 के दशक में किस प्रकार हजारों लोग संक्रमित ब्लड प्रोडक्ट की वजह से घातक बीमारियों का शिकार हुए और 2019 तक लगभग 3,000 लोगों की मृत्यु होने का अनुमान लगाया गया था।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि यह ‘ब्रिटिश सरकार के लिए शर्म का दिन’ था। (Wikimedia Commons)

राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा लेना पड़ा भारी

ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा सरकारी प्रशासन के तहत चल रही एक सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा है, जिसे 1946 में स्थापित किया गया था। इसके तहत ही ब्रिटेन की जनता को स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त प्रदान की जाती हैं। इस सेवा के तहत चार सुविधाएं है – इंग्लैंड में एनएचएस, एनएचएस स्कॉटलैंड, एनएचएस वेल्स और उत्तरी आयरलैंड में स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल। कुल मिलाकर, ब्रेक्सिट के बाद की कुछ समस्याओं के बावजूद, एनएचएस को एक प्रभावी और कुशल स्वास्थ्य सेवा माना जाता है।

कैसे हुआ इतना बड़ा गलती?

दरअसल, 70 और 80 के दशक के दौरान रक्त का थक्का जमने की बीमारी हीमोफीलिया से पीड़ित हजारों लोगों को एचआईवी वायरस और हेपेटाइटिस से संक्रमित लोगों द्वारा दान किया गया या बेचा गया रक्त दिया गया था। दूषित रक्त उन लोगों को भी दिया गया था जिन्हें डिलीवरी या सर्जरी के बाद रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती थी। 70 के दशक की शुरुआत में, एनएचएस ने हीमोफिलिया के लिए फैक्टर VIII नामक एक नए उपचार का उपयोग शुरू किया। जिसे कई दाताओं से प्लाज्मा एकत्र करके बनाया गया था। फैक्टर VIII ऐसी थी कि एक संक्रमित डोनर भी पूरे बैच को खराब कर सकता था।

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