

5 दिसंबर को कई देशों में राजनीतिक और सैन्य क्षेत्र की महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जैसे यमन में आतंकवादी हमला, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक चुनाव फैसला और अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम सरकार का गठन।
ब्रिटेन में समलैंगिक संबंधों को कानूनी मान्यता मिलना, यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थलों को शामिल किया जाना और बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने की घटना सामाजिक और सांस्कृतिक विमर्श का बड़ा हिस्सा बनी।
इस दिन रवीश कुमार, नादिरा और शेख़ अब्दुल्ला जैसे प्रभावशाली व्यक्तित्वों का जन्म हुआ, जिन्होंने पत्रकारिता, सिनेमा और राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
हर दिन इतिहास के पन्नों में कुछ खास घटनाओं का जिक्र मिल जाता है जो की इतिहास के परिप्रेक्ष्य से काफी महत्वपूर्ण होते हैं। 5 दिसंबर के दिन इतिहास के पन्नों में राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य और समाज की दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं और इन घटनाओं से यह समझने में मदद मिलती है कि एक निर्णय या घटना कैसे समय के साथ-साथ बड़े बदलाव लेकर आते हैं। आइए जानते हैं 5 दिसंबर (History Of 5th December) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।
आतंकवादी हमला – यमन
2013 में यमन की राजधानी सना में रक्षा मंत्रालय परिसर पर आतंकवादियों ने बड़ा हमला किया। इस हमले में 52 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। यह घटना देश की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है और उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बना दिया।
मिसाइलरोधी F-16 व पाकिस्तान मीडिया मामला
2007 में अमेरिका ने अपने लड़ाकू विमान F-16 को उन्नत मिसाइलरोधी प्रणाली से लैस किया। पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट ने आपातकाल के दौरान मीडिया प्रतिबंधों को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इन घटनाओं ने दोनों देशों की राजनीतिक और सैन्य स्थिति को प्रभावित किया।
ब्रिटेन में समलैंगिक संबंध को मान्यता
2005 में ब्रिटेन ने एक नए कानून के तहत समलैंगिक पुरुषों और महिलाओं के वैध संबंध को कानूनी मान्यता दी। यह कदम मानवाधिकार और समानता की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन था। इस कानून ने वहाँ की सामाजिक सोच में आधुनिकता और स्वीकार्यता को बढ़ावा दिया।
अफ़ग़ानिस्तान में अंतरिम सरकार
2001 में अफ़ग़ानिस्तान में हामिद करजई के नेतृत्व में अंतरिम सरकार के गठन पर सभी चार प्रमुख गुट सहमत हो गए। यह समझौता तालिबान शासन के पतन के बाद स्थिर सरकार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने आगे देश में राजनीतिक प्रक्रिया को मजबूत किया।
अमेरिकी चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
2000 में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति चुनाव विवाद में जॉर्ज बुश के पक्ष में फैसला सुनाया। इस निर्णय ने चुनाव परिणाम साफ किया और बुश के राष्ट्रपति बनने का रास्ता खुला। यह अमेरिकी राजनीति में एक ऐतिहासिक और विवादास्पद फैसला माना गया।
यूनेस्को ने कई स्थलों को विश्व धरोहर में शामिल किया
1997 में यूनेस्को ने भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी, इटली के पोम्पेई व हरकुलेनियम, पाकिस्तान का रोहतास किला तथा बांग्लादेश के सुंदरवन को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया। यह निर्णय सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के वैश्विक महत्व को बढ़ाने वाला था।
मुलायम सिंह यादव दोबारा मुख्यमंत्री बने
1993 में मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार पद संभाला। उनके नेतृत्व ने राज्य की राजनीति में नए समीकरण और सामाजिक न्याय की नीतियों पर विशेष प्रभाव डाला।
बाबरी मस्जिद ढांचा गिराया गया
1992 में अयोध्या में स्थित बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिरा दिया गया, जिसके बाद पूरे भारत में हिंसक दंगे फैल गए। यह घटना भारतीय राजनीति और समाज पर गहरा प्रभाव डालने वाली साबित हुई और वर्षों तक विवाद का केंद्र बनी रही।
भारत ने बांग्लादेश को मान्यता दी
1971 में भारत ने आधिकारिक रूप से बांग्लादेश को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी। यह निर्णय ऐतिहासिक था और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भारत की भूमिका को निर्णायक बनाता है।
सिक्किम भारत का संरक्षित राज्य बना
1950 में सिक्किम को भारत का संरक्षित राज्य घोषित किया गया। इस निर्णय से भारत ने उसकी सुरक्षा और विदेश मामलों की जिम्मेदारी संभाली, जिसने आगे चलकर सिक्किम के भारत में विलय की राह तैयार की।
रवीश कुमार का जन्मदिन
रवीश कुमार भारत के जाने-माने पत्रकार, लेखक और मीडिया व्यक्तित्व हैं। वे अपनी सरल भाषा, जनसरोकारों पर आधारित रिपोर्टिंग और ईमानदार पत्रकारिता के लिए प्रसिद्ध हैं। एनडीटीवी में लंबे समय तक कार्यरत रहे और उन्हें रामनाथ गोयनका पुरस्कार सहित कई सम्मान मिल चुके हैं।
नादिरा का जन्मदिन
नादिरा हिन्दी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री थीं। अपने दमदार अभिनय और अनोखे अंदाज़ के कारण वे 1950-60 के दशक की प्रमुख अभिनेत्रियों में गिनी जाती थीं। श्री 420 और दिल अपना और प्रीत पराई जैसी फिल्मों में उनके अभिनय ने विशेष पहचान बनाई।
शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला का जन्मदिन
शेख़ मोहम्मद अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक और क्रांतिकारी नेता थे। वे बाद में राज्य के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भी बने। “शेर-ए-कश्मीर” के नाम से प्रसिद्ध अब्दुल्ला ने कश्मीर की राजनीति और सामाजिक सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जे. जयललिता
जयललिता तमिलनाडु की छह बार मुख्यमंत्री रहीं और एआईएडीएमके की प्रमुख नेता थीं। वे अपने कल्याणकारी योजनाओं, जनता से जुड़े फैसलों और मजबूत नेतृत्व के लिए जानी जाती थीं। अभिनय से राजनीति तक का उनका सफ़र बेहद सफल रहा और वे तमिलनाडु की जनता के बीच अत्यंत लोकप्रिय रहीं।
नेल्सन मंडेला
नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति और रंगभेद विरोधी आंदोलन के शीर्ष नेता थे। उन्होंने मानवाधिकार, समानता और न्याय के लिए जीवनभर संघर्ष किया। भारत ने भी उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया। उनकी महानता ने उन्हें “आधुनिक युग का गांधी” कहा जाने लगा।
गुरबचन सिंह सालारिया
कैप्टन गुरबचन सिंह सालारिया भारतीय सेना के बहादुर अधिकारी थे, जिन्हें कांगो अभियान के दौरान अद्वितीय साहस दिखाने पर परमवीर चक्र मिला। उन्होंने दुश्मनों से लड़ते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनका बलिदान भारतीय सैनिकों के साहस का प्रतीक माना जाता है।
एस. सुब्रह्मण्य अय्यर
एस. सुब्रह्मण्य अय्यर स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद और समाज सुधारक थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आवाज़ उठाई और समाज में शिक्षा, समानता और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का काम किया। उनकी सेवाओं ने दक्षिण भारत के सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।