हमारा दिमाग 60 प्रतिशत तक फैट से बना होता है, जिसमें से एक अहम हिस्सा ओमेगा-3 फैटी एसिड (Omega 3 Fatty Acids) होता है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो न सिर्फ ब्रेन सेल्स को ताकत देता है, बल्कि उनमें सही तरीके से सूचनाएं पहुंचाने और एक-दूसरे से जुड़ने की प्रक्रिया को भी तेज करता है।
वैज्ञानिक रिसर्च यह भी साबित करती है कि जो लोग ओमेगा-3 से भरपूर चीजें खाते हैं, उनकी याददाश्त बेहतर होती है। इससे लोग तनाव को बेहतर तरीके से संभाल पाते हैं और उम्र बढ़ने के साथ होने वाली दिमागी कमजोरी से भी बचे रहते हैं। कुछ चीजों में ओमेगा-3 भरपूर मात्रा पाई जाती है।
अखरोट: यह दिखने में ही दिमाग जैसा होता है। इसमें भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 पाया जाता है, जो दिमाग की कोशिकाओं को मजबूती देता है और उनकी कार्यक्षमता को बेहतर करता है। अखरोट में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन ई नर्व सिस्टम को एक्टिव बनाए रखते हैं, जिससे सोचने-समझने की ताकत तेज होती है। रोज 2-3 अखरोट खाने से न सिर्फ याददाश्त में सुधार होता है, बल्कि दिमाग लंबे समय तक एक्टिव और हेल्दी बना रहता है।
अलसी के बीज: ये छोटे-छोटे बीज भले ही मामूली लगें, लेकिन इनके अंदर पोषण का खजाना छुपा होता है। यह ओमेगा-3 का सबसे अच्छा स्रोत है। इनमें मौजूद अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) दिमाग की कोशिकाओं में लचीलापन बनाए रखता है और नए न्यूरॉन कनेक्शन बनने में मदद करता है। इसे आप अपने खाने में आसानी से शामिल कर सकते हैं। यह फोकस बढ़ाता है और दिमागी थकावट भी कम करता है।
चिया सीड्स: इन बीजों में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं। चिया सीड्स दिमाग में सूजन को कम करते हैं, जिससे दिमाग ज्यादा शांत और संतुलित रहता है। जब दिमाग में सूजन नहीं होती तो वह बेहतर सोच सकता है। ज्यादा देर तक काम कर सकता है और तनाव को भी बेहतर तरीके से झेल सकता है। इसे आप रातभर भिगोकर सुबह ओट्स या मिल्क शेक के साथ खा सकते हैं।
सोयाबीन: यह ओमेगा-3 का बेहतर विकल्प माना जाता है। सोयाबीन में न सिर्फ ओमेगा-3, बल्कि प्रोटीन और लेसिथिन भी होता है, जो ब्रेन सेल्स को मजबूत बनाते हैं। टोफू, जिसे सोया पनीर भी कहते हैं, दिमागी ऊर्जा को बनाए रखने में मदद करता है और सोचने की शक्ति को बढ़ाता है। यह बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए फायदेमंद है, खासकर उन लोगों के लिए जो शुद्ध शाकाहारी हैं।
(BA)