जब भी कोई तकलीफ हो परेशानी हो या फिर खुशी की बात हो हम हर चीज में दिल को ले ही आते हैं जैसे दिल टूट गया दिल को बहुत बुरा लगा इत्यादि शब्दों का इस्तेमाल करते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि अपने दिल पर इतना बोझ देने के बाद उसका ख्याल कैसे रखें? दरअसल हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को हृदय हार्ट की सेहत के प्रति जागरूक करना है और इस बार वर्ल्ड हार्ट डे का थीम है हर दिल के लिए दिल का उपयोग करें। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस नन्हे से दिल का ख्याल कैसे रखें।
अलग-अलग कर्म और लक्षणों के रूप में हृदय की धमनियों में रुकावट आ जाना ही हार्ट अटैक होता है। और दिल से जुड़ी बीमारियां या हार्ट अटैक का मुख्य कारण गलत खानपान कोलेस्ट्रोल का बढ़ना अधिक तनाव लेना मांसपेशियों में खिंचाव आदि है। हार्ट अटैक के समय हृदय की धड़कन तेज या फिर काफी कम हो जाती है जिससे हृदय में विकार उत्पन्न हो जाता है जैसे भाई अति हर्ष जीवन अनेक अनेक रोगों में मिथुन की इच्छा या क्रिया भोजन करने आती कसरत करने से हृदय की गति तेज हो जाती है। अखिलेश निर्बलता और उपवास से हृदय की गति बंद हो जाती है इसके अलावा कई औषधीय के सेवन से भी हृदय गति बढ़िया घट जाती है जिसके कारण धड़कन एकदम बंद या एकदम धीमी कार्य करना चालू कर देता है और हार्ट अटैक के संभावना बढ़ने लगती है।
यदि आपको हृदय रोग है तो बेफिक्र रहे, शराब मांस आदिश्वर सुनो तथा टी के और कर के पदार्थ का सेवन न करें मीठा ना खाएं नमक न खाएं। हृदय रोग में केवल फलों और सब्जियों के रस पर कुछ दिन रहने और अत्यधिक मात्रा में उनका सेवन करने की सलाह दी जाते हैं इसके अलावा फल फ्रूट जो की रोटी और लौकी की सब्जी सुबह शाम नींबू पानी नींबू गर्म पानी शहद इत्यादि का सेवन करना हृदय रोग में लाभदायक होता है। हृदय रोग से बचाव के लिए कफ ना होने दे सर्दी से बचें एवं पेट साफ रखें शोरगुल धूल धुएं और तेज धूप से बच्चे इससे आपके हृदय को काफी प्रोटेक्शन मिलेगा।
इसके अलावा हृदय से जुड़ी समस्या यदि है तो उन्हें प्रतिदिन प्राणायाम करने की सलाह दी जाती है।
हमेशा स्वस्थ और मजबूत रहने के लिए प्राणायाम आसन आहार संयम और योग निद्रा तथा ज्ञान को जीवन का हिस्सा बना ले। तनाव मुक्त जीवन जीए तनाव मुक्त रहने के लिए नदी शोधन प्राणायाम करें और शरीर पुष्ट रखने के लिए सूर्य आसन या सूर्य नमस्कार करें इससे आपका हृदय को प्रोटेक्शन मिलेगा और बाहरी कोई भी चीज आपके हृदय पर प्रभाव नहीं डाल पाएंगे।
हृदय रोग से बचने के लिए डॉक्टर यह सलाह देते हैं कि जितना हो सके उतना कम भोजन करें यदि वजन अधिक है तो उसे कम करें इस रोग में उपवास से बच्चे फल सब्जी का रस मधु किशमिश अंजीर गाय का ताजा दूध इत्यादि का सेवन करें। भजन में प्रतिदिन काफी मात्रा में सलाद का सेवन करें। इसके अलावा डॉक्टर के सलाह रहती है कि जो भी भजन आप खाएं उसे थोड़ा चबाकर और आराम से खाएं खाने के साथ ही पानी कम पिए। खाने के आधे से 1 घंटे बाद पानी पिए। थोड़ा थोड़ा घुट घुट कर पिए सीने से ढाई घंटे पूर्व भोजन करें भोजन प्रसन्न मुद्रा में करें बातें ना करें क्रोध करना और ऊंचा बोलना छोड़ दें इससे आपका हृदय पर बहुत ही नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।