भारत के झारखंड में भी है एक पाकिस्तान, नहीं रहता एक भी मुस्लिम परिवार

(IANS)

 

गांव कम से कम 200 साल पहले आबाद हुआ

ज़रा हट के

भारत के झारखंड में भी है एक पाकिस्तान, नहीं रहता एक भी मुस्लिम परिवार

पाकिस्तान का नाम आने के बाद से ही सोशल मीडिया (Social Media) पर इस पर चर्चा होने लगीं और गृह मंत्रालय (Ministry Of Home Affairs) से इसका नाम बदले जाने की मांग की जाने लगी है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूजग्राम हिंदी: आप इस बात पर चौंक सकते हैं, लेकिन यह सच है कि झारखंड (Jharkhand) में एक पाकिस्तान (Pakistan) है। खास बात यह है कि यह हमारे पड़ोसी देश से भी पुराना है। दरअसल यह झारखंड के एक गांव का नाम है। कहते हैं कि यह गांव कम से कम 200 साल पहले आबाद हुआ है। दिलचस्प बात यह भी है कि इस पाकिस्तान में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं रहता।

इस पाकिस्तान में ज्यादातर बढ़ई पेशे वाले परिवार रहते हैं। यह पाकिस्तान झारखंड के देवघर (Devghar) जिले के सारठ प्रखंड अंतर्गत सबेजौर पंचायत का एक टोला है। यह टोला अखबार में आये टेंडर एक विज्ञापन के बाद से चर्चा में है। पाकिस्तान नाम के इस गांव की इसके पहले कभी ज्यादा चर्चा नहीं हुई। यह पाकिस्तान चर्चा में तब आया जब जिला अभियंता कार्यालय, जिला परिषद देवघर ने सारठ प्रखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में पीसीसी सड़क बनाने का टेंडर जारी किया।

12 मई को यह टेंडर जारी किया और इसके बाद से लोगों का ध्यान इस ओर गया। 119 अलग-अलग पथों के लिए जारी टेंडर में 56 नंबर का टेंडर रोचक है, इसमें कहा गया है कि सबेजौर पंचायत के डाड़पोखर से पाकिस्तान बढ़ई टोला तक पीसीसी पथ का निर्माण किया जायेगा।

पाकिस्तान का नाम आने के बाद से ही सोशल मीडिया (Social Media) पर इस पर चर्चा होने लगीं और गृह मंत्रालय (Ministry Of Home Affairs) से इसका नाम बदले जाने की मांग की जाने लगी है। सारठ के भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने बताया कि उनकी जानकारी में बढ़ई टोला का पाकिस्तान नाम करीब 200 सालों से है। इस नाम के बाबत कई बार उन्होंने स्थानीय लोगों से पूछा भी, पर किसी ने यह साफ नहीं किया कि बढ़ई टोला का पाकिस्तान नाम आखिर क्यों पड़ा। यह मामला सामने आने के बाद से उन्होंने इस नाम को बदलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि बढ़ई टोला का पाकिस्तान नाम आपत्तिजनक है और इसे बदलकर इसे बढ़ई टोला ही रखा जाना चाहिए, क्योंकि मूल रूप से यह टोला बढ़ई परिवार के लोगों का है और यहां इसी परिवार के लोग रहते हैं।

--आईएएनएस/PT

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