देश में शुक्रवार को 'स्कूल इनोवेशन काउंसिल' (SIC) शुरू किया गया है। यह भारत के शीर्ष शिक्षा निकायों की तरफ से स्कूलों को 'इनोवेशन' और 'एंटरप्रेन्योरशिप' के लिए सक्षम करने वाले इकोसिस्टम से जोड़ने की एक पहल है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक स्कूलों में एसआईसी की स्थापना, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत 'आउट ऑफ बॉक्स थिंकिंग', 'इनोवेशन' और 'एंटरप्रेन्योरशिप' को बढ़ावा देने के लिए है। शिक्षा मंत्रालय 'इनोवेशन सेल' (एमआईसी), अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने गुरुवार को संयुक्त रूप से 'स्कूल इनोवेशन काउंसिल' (एसआईसी) को लॉन्च किया। पूरे भारत में 12,800 से अधिक स्कूल शिक्षकों को 'इनोवेशन एंबेसडर' के रूप में प्रमाणित किया गया है।
स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की सचिव, अनीता करवाल ने इस मौके पर कहा, हम जिस जनसांख्यिकीय लाभांश की बात करते हैं, वह लगभग 2047 तक उपलब्ध होगा। हम नहीं जानते कि भविष्य में क्या चुनौतियां हैं, इसलिए यह और महत्वपूर्ण हो जाता है कि प्रत्येक बच्चा भविष्य की जरुरतों को देखते हुए क्रिएटिव और इनोवेशन के लिए ओपन माइंड बनें। हमें पाठ्यपुस्तकों से आगे जाना होगा, जोकि इनोवेटिव क्षमताओं को विकसित करने के लिए एक साधन है। मैं माता-पिता और शिक्षकों से आग्रह करती हूं कि बच्चों के आसपास जो हो रहा है और उन सभी गतिविधियों में भाग लें जिससे बच्चों की दक्षता को प्रोत्साहन मिलेगा। 21वीं सदी की जरुरतों के अनुसार बच्चे खुद को स्किलफुल और इनोवेटिव बना सकें।
सभी शीर्ष शिक्षा निकायों के 'त्रिवेणी संगम' के बारे में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए, एआईसीटीई के अध्यक्ष, प्रोफेसर अनिल डी सहस्रबुद्धे ने कहा, हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि यह पहल विचार, नवाचार, उद्यमिता, डिजाइन थिंकिंग, प्रोटोटाइप, आउट-ऑफ-बॉक्स थिंकिग और आईपी व्यावसायीकरण और रचनात्मक की संस्कृति को स्कूल के अंदर बढ़ावा देगी। मैंने पाया है कि जैसे-जैसे विद्यार्थी बड़े होते हैं, युवा मन में जिज्ञासा कम होती जाती है, तो हम जिज्ञासा को कैसे आगे बढ़ाएं। हमें स्कूलों में इनोवेशन को प्रोत्साहित करना चाहिए और परीक्षाओं को इस तरह से आयोजित करना चाहिए जोकि रटने के बारे में नहीं हों।
सीबीएसई की चेयरपर्सन निधि छिब्बर ने कहा, एसआईसी एक अद्वितीय कनेक्टर का काम करने वाली है जहां स्कूलों, शिक्षकों, उद्योग, एचईआई, विशेषज्ञों, एंटरप्रेन्योरशिप और इनोवेशन, एक साथ स्कूल स्तर पर आई एंड ई इकोसिस्टम में 'डिस्ट्रेप्टिव प्रोग्रेस' की तरफ न्यू माइंड्स के साथ अग्रसर होंगे।
हम पहले उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) स्तर पर इनोवेशन केंद्रों और स्टार्टअप्स की बात पहले से हो रही थी, लेकिन इसे स्कूली बच्चों तक पहुंचाना ही असल मायने में आगे बढ़ने का सही तरीका है। यह उनके लिए क्रियेटिव थिंकिंग और इनोवेशन थिंकिंग में एक ठोस आधार तैयार करेगा जब वे स्कूलों से निकलकर एचईआई और फिर उद्योग में जाएंगे।
(आईएएनएस/PS)