न्यूजग्राम हिंदी: जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) स्थित एजेके मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर (एजेके एमसीआरसी) के पूर्व छात्र रिंटू थॉमस (Rintu Thomas) और सुष्मित घोष (Sushmit Ghosh) की 'राइटिंग विद फायर (Right with fire)' नामक एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म ने प्रतिष्ठित पीबॉडी अवार्ड (Peabody Awards) जीता है। 80 साल के इतिहास में यह पुरस्कार जीतने वाले वे पहले भारतीय हैं। 'राइटिंग विद फायर' ऑस्कर (Oscar) के लिए नॉमिनेट होने वाली भारत की पहली फीचर डॉक्यूमेंट्री भी बन गई है। जामिया के मुताबिक, यह एक विशिष्ट पुरस्कार है जो 'हमारे समय की सबसे इंटेलिजेंट, पावरफुल और मूविंग स्टोरीज के लिए दिया जाता है'। 2012 में उनकी लघु वृत्तचित्र, 'टिम्बकटू' ने सर्वश्रेष्ठ पर्यावरण फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता। उनके काम को जैसे सनडेस, आईडीएफए, डीओसी न्यूयॉर्क, थेसालोनिकी, यामागाटा दुनियाभर के फेस्टिवल्स में दिखाया गया है, और संयुक्त राष्ट्र एवं द लिंकन सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स जैसे वैश्विक मंचों के साथ साझेदारी में भी प्रदर्शित किया गया है। वे दोनों एकेडमी ऑफ मोशन पिक्च र आर्ट्स एंड साइंसेज के सदस्य हैं।
साल 2021 में सनडांस फिल्म फेस्टिवल में 'राइटिंग विद फायर' का प्रीमियर किया गया, जहां इसने ऑडियंस अवार्ड और स्पेशल जूरी अवार्ड जीता। यह फिल्म दुनिया भर में 200 से अधिक फिल्म समारोहों में दिखाई गई और 40 पुरस्कार जीते। वाशिंगटन पोस्ट ने इसे 'द मोस्ट इन्स्पाइरिंग जर्नलिज्म मूवी-मेबी एवर' के रूप में वर्णित किया और न्यूयॉर्क टाइम्स ने 2022 में इसे 'एनवाईटी क्रिटिक्स' पिक' के रूप में सराहा। 'राइटिंग विद फायर' ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाली भारत की पहली फीचर डॉक्यूमेंट्री बन गई।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि पिछले 14 वर्षों में रिंटू और सुष्मित के काम ने तेजी से बदलती दुनिया में मानवीय लचीलेपन की रूपरेखा को चित्रित किया है। ऐसी फिल्में जो जलवायु संकट, जेंडर और कामुकता से लेकर लोकतंत्र में महिलाओं की भूमिका तक के विषयों पर आधारित हैं।
--आईएएनएस/PT