Fire Safety Tips : भारत के साथ - साथ दुनियाभर में भीषण गर्मी पड़ रही है। ऐसे में हर शहर से आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों की जाए, तो हर साल देशभर में आग की घटनाओं के कारण करीब 25 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। गर्मियों के मौसम में घरों में एसी, फ्रिज, कूलर और पंखों का इस्तेमाल काफी बढ़ जाता है। ऐसे में गलत वायरिंग और ओवरलोडिंग के कारण घर में आग लगने का खतरा भी बढ़ जाता है। आज हम आपको इस आर्टिकल में बिजली से लगने वाली आग से बचाव और सावधानी के बारे में जानकारी देंगे।
घरों या फ्लैट में लगने वाली आग के कारणों का मुख्य वजह बिजली है। गर्मियों के दिनों में ओवरलोडिंग, शॉर्ट सर्किट, गलत तरीके से की वायरिंग और घटिया इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के चलते घरों में बिजली से आग लग जाती है। यदि आग से बचाव की सावधानियों का पालन नहीं किया गया तो यह आग जानलेवा भी हो सकती है। लेकिन सावधानियां बरत कर आग लगने की दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
बिजली से लगने वाली आग अक्सर शॉर्ट सर्किट के कारण लगती है। ऐसे में घर की वायरिंग के दौरान हमें उच्च गुणवत्ता और हाई हीट रेजिस्टेंस वायर का इस्तेमाल करना चाहिए। लो क्वालिटी के तार गर्मियों में ओवरलोड के कारण पिघल जाते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा जहां भी बिजली के दो तार आपस में जोड़ रहे हो, तो इस ऐसे में ध्यान रखें कि कनेक्शन ढीला न रहे क्योंकि ढीले कनेक्शन में स्पार्क होता रहता है, जिससे आग लग सकती है।
घर की वायरिंग के दौरान अर्थिंग का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही फेज और न्यूट्रल वायर की कलर कोड के अनुसार ही बिजली की सप्लाई दें। गर्मियों में घरों में बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल बढ़ जाता है। यदि आप सॉकेट से कनेक्शन ले रहे हो तो सीधे तार न डालें, इसके लिए अच्छी क्वालिटी के प्लग का इस्तेमाल करें, इसके साथ ही एक सॉकेट से मल्टीपल कनेक्शन से बचें।
घरों में बिजली से लगने वाली आग का प्रमुख कारण इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होते हैं। ऐसे में हाई क्वालिटी वाले स्विच, सॉकेट और प्लग का इस्तेमाल करें। घर में उपयोग होने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट मार्क हो, इस बात का ध्यान रखें। और घर के बिजली की वायरिंग के दौरान हाई क्वालिटी के फ्यूज और एमसीबी का इस्तेमाल करें।