Guru Ravidas Jayanti 2024: रविदास जी का जन्म 15वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक मोची परिवार में हुआ। (Wikimedia Commons)
Guru Ravidas Jayanti 2024: रविदास जी का जन्म 15वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक मोची परिवार में हुआ। (Wikimedia Commons) 
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जानिए कौन हैं ये संत? जिसको मुस्लिम बनाना चाहते थे मुगल शासक

न्यूज़ग्राम डेस्क

Guru Ravidas Jayanti 2024: संत गुरु रविदास एक महान संत थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन समाज सुधार कार्य के लिए समर्पित कर दिया। समाज में व्याप्त जाति के भेदभाव को दूर करने में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। वे ईश्वर को पाने का एक ही मार्ग जानते थे और वो है ‘भक्ति’, इसलिए उनका एक मुहावरा जो आज भी बहुत प्रसिद्ध है की, ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’।

उनका जन्म ऐसे समय में हुआ था जब उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में मुगलों का शासन था चारों ओर अत्याचार, गरीबी, भ्रष्टाचार व अशिक्षा का बोलबाला था। उस समय मुस्लिम शासकों चाहते थे कि अधिकांश हिन्दुओं को मुस्लिम बनाया जाए। संत रविदास की ख्याति देखकर एक परिद्ध मुस्लिम उनको मुसलमान बनाने आया था। उसका सोचना था कि यदि रविदास मुसलमान बन जाते हैं तो उनके लाखों भक्त भी मुस्लिम हो जाएंगे। ऐसा सोचकर उनपर हर प्रकार से दबाव बनाया गया था लेकिन संत रविदास तो संत थे उन्हें किसी हिन्दू या मुस्लिम से नहीं मानवता से मतलब था।

रविदास जी का जन्म

गुरु रविदास का जन्म माघ मास की पूर्णिमा को रविवार के दिन 1433 को हुआ था। इसलिए हर साल माघ मास की पूर्णिमा तिथि को रविदास जयंती के रूप में मनाया जाता है जोकि इस वर्ष 24 फरवरी 2024 को है। रविदास जी का जन्म 15वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक मोची परिवार में हुआ और उस काल में इसे निम्न जाति का माना जाता था लेकिन इसके बावजूद भी रविदास जी भक्ति आंदोलन, हिंदू धर्म में भक्ति और समतावादी आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उजागर हुए। 15 वीं शताब्दी में रविदास जी ने भक्ति आंदोलन चलाया जो उस समय का एक बड़ा आध्यात्मिक आंदोलन था।

संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी एक महान संत और समाज सुधारक थे। (Wikimedia Commons)

एक महान समाज सुधारक भी थे गुरु रविदास

संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास जी एक महान संत और समाज सुधारक थे। उन्होंने भक्ति के भाव से कई गीत, दोहे और भजनों की रचना की, आत्मनिर्भरता और एकता उनके मुख्य धार्मिक संदेश थे। न सिर्फ हिंदू धर्म बल्कि सिख धर्म के अनुयायी भी गुरु रविदास के प्रति श्रद्धा भाव रखते हैं। आपको बता दें कि रविदास जी द्वारा लिखी 41 कविताओं को सिखों के पांचवे गुरु अर्जुन देव ने गुरुग्रंथ साहिब में शामिल कराया था। समाज सुधार के क्षेत्र में इन्होंने समाज से जातिवाद, भेदभाव और समाजिक असमानता के विरुद्ध समाज को समानता और न्याय की दिशा दिखाई। मध्यकाल की प्रसिद्ध संत मीराबाई भी रविदास जी को अपना आध्यात्मिक गुरु मानती थीं।

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