न्यूजग्राम हिंदी: चीनी राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत ब्यूरो (Cultural Heritage Administration China) से मिली खबर के अनुसार, 20 मई को इस ब्यूरो ने डीप सी वॉरियर मानवयुक्त सबमर्सिबल का उपयोग दक्षिण चीन सागर में डूबे हुए जहाज नंबर 1 का पहला पुरातात्विक सर्वेक्षण करने के लिए किया। साथ ही डूबे हुए जहाज स्थल के मुख्य संचय क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिम कोने में जल के नीचे स्थायी सर्वेक्षण और मानचित्रण आधार बिंदु तैनात किया गया, और एक प्रारंभिक खोज सर्वेक्षण और छवि रिकॉर्डिंग की गई। जिससे औपचारिक रूप से दक्षिण चीन सागर में उत्तर-पश्चिम भूमि ढलान पर प्राचीन जलपोत स्थलों में नंबर 1 और नंबर 2 की पुरातात्विक जांच शुरू की गई। बताया जाता है कि अक्टूबर 2022 में गहरे समुद्र के पुरातात्विक सर्वेक्षण दल ने लगभग 1,500 मीटर गहराई में दक्षिण चीन सागर के उत्तर-पश्चिम ढलान में दो प्राचीन जलपोतों की खोज की। उनमें से, नंबर 1 शिपव्रेक साइट मुख्य रूप से चीनी मिट्टी के बरतनों से बनी है, और सांस्कृतिक अवशेषों की संख्या एक लाख से अधिक होने का अनुमान है। नंबर 2 शिपव्रेक साइट पर बड़ी संख्या में लॉग का प्रभुत्व है, और इसे प्रारंभिक रूप से एक प्राचीन शिपव्रेक माना जाता है जो विदेशों से माल लोड करता था और चीन के लिए रवाना होता था। प्राप्त सांस्कृतिक अवशेषों के प्रारंभिक निर्णय के अनुसार ये सभी चीन के मिंग राजवंश के सांस्कृतिक अवशेष हैं।
दक्षिण चीन सागर के उत्तर-पश्चिमी ढलान पर प्राचीन जलपोत नंबर 1 और नंबर 2 अपेक्षाकृत अच्छी तरह से संरक्षित हैं। सांस्कृतिक अवशेषों की संख्या बहुत बड़ी है, युग अपेक्षाकृत स्पष्ट है, और इसका महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, वैज्ञानिक और कलात्मक मूल्य है। यह न केवल चीन में गहरे समुद्र की पुरातत्व की एक प्रमुख खोज है, बल्कि एक विश्व स्तरीय प्रमुख पुरातात्विक खोज भी है। यह प्रमुख खोज ऐतिहासिक तथ्य की पुष्टि करती है कि चीनी पूर्वजों ने दक्षिण चीन सागर का विकास, उपयोग और यात्रा की थी। जिसने चीन के महासागर इतिहास, चीनी मिट्टी के बरतनों के इतिहास, विदेशी व्यापार के इतिहास और समुद्री रेशम मार्ग के अध्ययन के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
यह प्रमुख खोज चीन की गहरे समुद्र की तकनीक और पानी के नीचे की पुरातत्व के सीमा पार एकीकरण और आपसी प्रचार की उज्जवल संभावना को पूरी तरह से प्रदर्शित करती है। इससे जाहिर हुआ है कि चीन की गहरे समुद्र का पुरातत्व दुनिया के उन्नत स्तर पर पहुंच गया है।
--आईएएनएस/PT