History Of 28th September Sora Ai
इतिहास

28 सितंबर: जानें इस दिन से जुड़ी कुछ खास घटनाएं

28 सितंबर (28th September) उन दिनों में से है जिसे इतिहास ने कई स्वरूपों से दर्ज किया है। इस दिन जन्म, मृत्यु, युद्ध, विज्ञान और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े अनेक प्रसंग सामने आए।

न्यूज़ग्राम डेस्क

28 सितंबर (28th September) उन दिनों में से है जिसे इतिहास ने कई स्वरूपों से दर्ज किया है। इस दिन जन्म, मृत्यु, युद्ध, विज्ञान और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े अनेक प्रसंग सामने आए। भारत और दुनिया दोनों में इस तारीख़ को यादगार घटनाएँ हुईं जैसे महान संगीतकारों का जन्म, स्वतंत्रता आंदोलन के नायक की जयंती, या वैज्ञानिक खोजों की घोषणा। इस दिन की घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि समय-समय पर इतिहास में छोटी-बड़ी घटनाएँ समाज और सभ्यता को आगे ले जाती हैं। आइए अब देखें कि 28 सितंबर को किन-किन विशेष घटनाओं ने इतिहास को आकार दिया। आइए जानते हैं 28 सितंबर (History Of 28th September) के दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं, उपलब्धियों और व्यक्तित्वों के बारे में।

भगत सिंह की जयंती

Shaheed Bhagat Singh Jayanti

28 September 1907 को भारत के महान क्रांतिकारी (Shaheed Bhagat Singh Jayanti) का जन्म हुआ। वे आज़ादी की लड़ाई के सबसे वीर और प्रेरणास्पद नायकों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने युवा उम्र में ही अंग्रेज़ों के खिलाफ आवाज़ उठाई और अपने बलिदान से पूरे भारत को प्रेरित किया। उनका संघर्ष औपनिवेशिक राज का विरोध मात्र राजनीतिक नहीं था, बल्कि सामाजिक न्याय और समानता की भी चेतना लेकर था। उनकी वीरता और आदर्श आज भी भारत के युवाओं को प्रेरित करते हैं और वे “युवा क्रांतिकारी” की छवि में सदैव जीवित रहते हैं।

लता मंगेशकर का जन्म

Lata Mangeshkar

28 September 1929 को भारत की संगीत दुनिया को वह स्वर मिला (Lata Mangeshkar)। उन्हें भारत की “Nightingale of India” कहा जाता है। उन्होंने कई दशकों तक हिंदी एवं अन्य भाषाओं में अनगिनत गीत गाए और संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनका करियर बहुभाषी था और उन्होंने लाखों लोगों को संगीत से जोड़ने का काम किया। उनकी मधुर आवाज़, भावुक गाने और संगीत की विविधता उन्हें भारतीय संगीत का अभिन्न हिस्सा बनाती है।

रेज़निंग दिवस: प्रथम भारतीय तोपखाना इकाई की स्थापना

Gunner’s Day

28 September 1827 को भारत में पहली स्वदेशी (native) तोपखाना (Artillery) इकाई की स्थापना हुई जिसे (5 Bombay Mountain Battery) कहा गया। इस दिन को (Gunner’s Day) के नाम से भी जाना जाता है। यह इकाई पहले (Golandaz Battalion, Bombay Foot Artillery) का हिस्सा थी। इस घटना ने भारतीय सेना की तोपखाने (Artillery) क्षमता को बढ़ाया और भविष्य में सैन्य अभियानों में इसका महत्व बढ़ा। हर वर्ष यह दिवस भारतीय तोपखाना दलों द्वारा विशेष सम्मान के साथ मनाया जाता है, और इसे सैन्य गौरव और सेवा की प्रतिमूर्ति माना जाता है।

देहरादून दंगों की घटना

DehraDun Riots

(28 September 1927) को (DehraDun Riots) में साम्प्रदायिक दंगे हुए। इस घटना में कई लोग प्रभावित हुए और सामाजिक अस्थिरता बनी। यह घटना उस काल की सामाजिक एवं धार्मिक तनावों का प्रतीक थी। उस समय देश में सामाजिक समरसता और धार्मिक सौहार्द बनाए रखना एक चुनौती था। यह घटना इतिहास में याद रखी जाती है क्योंकि यह सामाजिक सौहार्द और आतंकवाद के बीच संघर्ष का उदाहरण है।

पेनीसिलिन की खोज

Penicillin

28 September 1928 को स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक (Alexander Fleming) ने (Penicillin) की खोज की पहली ऐसी प्रभावी एंटीबायोटिक दवा। इस खोज ने चिकित्सा जगत में क्रांति ला दी। पहले ऐसे समय में जब संक्रमण एवं रोगों से लोग बड़ी संख्या में मरते थे, तो पेनिसिलिन ने संक्रमण नियंत्रण में आशा दी। Fleming की इस खोज ने जीवन रक्षा की संभावनाएँ वृद्धि दी और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान को नए स्तर पर ले गई। यह घटना विश्व स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा अनुसंधान की दिशा में ऐतिहासिक मोड़ मानी जाती है।

इसराइल-पीलो समझौता

Oslo II Accords

28 September 1995) को (Israel) और (PLO) (Palestine Liberation Organization) ने (Oslo II Accords) पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते ने पश्चिम बैंक (West Bank) और गाज़ा (Gaza) को तीन क्षेत्रों में बाँटा और कुछ हिस्सों में पेलनिस्ती नियंत्रण सुनिश्चित किया। यह मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। इस समझौते ने लोगों को आशा दी कि संघर्ष के बीच राजनीतिक समाधान संभव है। हालांकि शांति की राह आसान नहीं रही, पर यह घटना मध्य-पूर्व राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।

अमेरिका: यॉर्कटाउन की घेराबंदी शुरू

American Revolutionary War

28 September 1781 को अमरिकी क्रांति (American Revolutionary War) के दौरान (Siege of Yorktown) की घेराबंदी शुरू हुई। अमेरिकी और फ्रांसीसी सेनाओं ने ब्रिटिश बलों को घेर लिया। यह घेराबंदी अंततः अमेरिकी स्वतंत्रता की दिशा में निर्णायक साबित हुई। ब्रिटिश सेनाएँ घिर गई और संधि की राह आसान हुई। इस घटना ने ब्रिटेन की उपनिवेशवादी शक्ति को चुनौती दी और अमेरिका को स्वतंत्रता की दिशा में प्रेरित किया।

पोम्पे की हत्या

Pompey the Great

28 September 48 BC को रोम पुर्तगाल के राजा (Pompey the Great) को आदेश पर मारा गया। यह घटना प्राचीन रोम की राजनीति में एक बड़ा झटका थी। पोम्पे जूलियस सीज़र का विरोधी था और उनकी हत्या ने रोम की सत्तासंघर्ष को और तीव्र किया। इस घटना के बाद रोम गणराज्य और तानाशाही की दिशा में घटनाएँ तेज हुईं। यह इतिहास में सत्ता संघर्ष, राजनीति और धोखे की राजनीति का एक प्रसिद्ध उदाहरण है।

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