दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। (Sora AI) 
इतिहास

परमाणु बम से दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक – जापान का आत्मसमर्पण दिवस

15 अगस्त 1945 को जापान ने आत्मसमर्पण किया और एशिया में द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया। कुछ दिन पहले ही हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराए गए थे। यह दिन जापान के लिए गहरे दुख का था, लेकिन यहीं से उसके दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का सफर भी शुरू हुआ।

न्यूज़ग्राम डेस्क

अगस्त 1945 में जापान (Japan) के दो शहरों, हिरोशिमा (Hiroshima) और नागासाकी (Nagasaki) पर विशाल परमाणु बम गिराए गए। यह अब तक के सबसे शक्तिशाली हथियार थे। कुछ ही सेकंड में इमारतें मिट गईं, आसमान सूरज जैसी तेज़ रोशनी से भर गया और हज़ारों लोग मारे गए। बचे हुए लोगों के शरीर पर गहरे जलने के निशान और बीमारियाँ सालों तक रहीं।

15 अगस्त 1945 को जापान (Japan) के राजा हिरोहितो (Hirohito) ने रेडियो पर देश से बात की। यह पहली बार था जब आम लोगों ने अपने राजा की आवाज़ सुनी। उन्होंने सीधे “हम हार गए” नहीं कहा, लेकिन उनका संदेश साफ था, जापान आत्मसमर्पण करेगा और युद्ध खत्म हो जाएगा।

यह खबर सुनकर लोगों की भावनाएँ अलग-अलग थीं। कुछ को राहत मिली कि अब बमबारी और भूख खत्म होगी, लेकिन कई लोग शर्म और दुख से भर गए। जापानी संस्कृति में युद्ध हारना अपमान माना जाता था, इसलिए कई सैनिकों के लिए आत्मसमर्पण स्वीकार करना बेहद कठिन था और उन्होंने खुदखुशी कर्ली।

जापान का आत्मसमर्पण। (Sora AI)

युद्ध के बाद जापान ने अपने नए संविधान में वादा किया कि वह फिर कभी युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा। हथियार बनाने की बजाय, देश ने घर, स्कूल और कारखाने बनाने पर ध्यान दिया। लोग दिन-रात मेहनत करने लगे ताकि अगली पीढ़ी का जीवन बेहतर हो सके।

कुछ ही दशकों में जापान भुकमरी से निकलकर एक ताकतवर अर्थव्यवस्था बन गया। तकनीक, गाड़ियों और इलेक्ट्रॉनिक्स पर ध्यान देकर जापान दुनिया की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया आज हर देश मै जापान के प्रोडक्ट्स और टेक्नोलॉजी एक्सपोर्ट की जाती है और वहाँ पर सबसे आधुनिक और नए अविष्कार देखने को मिलते है। टोक्यो और ओसाका जैसे शहर आधुनिक और चहल-पहल से भरे केंद्र बन चुके है और दुनिया भर से लोग जापान जाकर घूमना बहुत पसंद करते है।

हर साल 6 अगस्त, 9 अगस्त और 15 अगस्त को जापान शांति समारोह करता है ताकि बमबारी और युद्ध में खोए लोगों को याद किया जा सके और उन्हें श्रद्धांजलि दी जा सके। ये दिन पूरी दुनिया को याद दिलाते हैं कि परमाणु हथियार कभी भी दोबारा इस्तेमाल नहीं होने चाहिए।

कोई भी देश अपने सबसे अंधेरे समय से निकल सकता है। (Sora AI)

निष्कर्ष

जापान का आत्मसमर्पण दिवस हमें सिखाता है कि कोई भी देश अपने सबसे अंधेरे समय से निकल सकता है। पहले परमाणु बम के पीड़ितों से लेकर दुनिया की आर्थिक ताकत बनने तक, जापान ने दिखा दिया कि शांति और मेहनत से उज्ज्वल भविष्य बनाया जा सकता है। (RH/BA)

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