Horseshoe Crab : इसका खून अमृत के समान माना जाता है, क्‍योंकि इसके खून की सहायता से शरीर में मौजूद खराब बैक्टीरिया की पहचान की जाती है। (Wikimedia Commons)
Horseshoe Crab : इसका खून अमृत के समान माना जाता है, क्‍योंकि इसके खून की सहायता से शरीर में मौजूद खराब बैक्टीरिया की पहचान की जाती है। (Wikimedia Commons) 
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इस जीव के खून की कीमत है लाखों रुपए, चिकित्सा के क्षेत्र में है बहुत उपयोगी

न्यूज़ग्राम डेस्क

Horseshoe Crab : इस धरती पर कई ऐसी रहस्‍यमय चीजे है जिसके बारे में हम नहीं जानते। यहां कई अनोखी जगह भी है साथ ही साथ बेहद अलग जीव भी मौजूद हैं। जब भी इनके बारे में जानकारी सामने आती है, लोग हैरान हो जाते है।एक ऐसा ही जीव है जिसका खून दुनिया में सबसे महंगा है। इतना ही नहीं, इंसान हों या जीव सबके खून का रंग लाल होता है, लेकिन इसके खून का रंग बिल्‍कुल अलग है। दरहसल, हम बात कर रहे है उत्‍तरी अमेरिका के समुद्र में पाए जाने वाला एक केकड़ा जिसका नाम हार्सशू क्रैब है।

क्या खास बात है इस केकड़े की?

यह जीव सामान्‍य केकड़े की तरह ही दिखने में लगता है, लेकिन इसके 10 पैर और 10 मुंह होते हैं। घोड़े के नाल की तरह दिखने के कारण इसका नाम हार्सशू क्रैब रखा गया है। इसका खून अमृत के समान माना जाता है, क्‍योंकि इसके खून की सहायता से शरीर में मौजूद खराब बैक्टीरिया की पहचान की जाती है। किसी भी खतरनाक बैक्टीरिया के बारे में यह एकदम सटीक जानकारी देता है। कई दवाओं के दुष्‍प्रभाव के बारे में भी इससे पता चल सकता है।

इसके खून की उपयोगिता के कारण मेडिकल साइंस में इसके खून की डिमांड इतनी ज्‍यादा है कि यह लगभग दस लाख रुपये प्रति लीटर बिकता है। (Wikimedia Commons)

इसके खून की लाखों में है कीमत

इसके खून की उपयोगिता के कारण मेडिकल साइंस में इसके खून की डिमांड इतनी ज्‍यादा है कि यह लगभग दस लाख रुपये प्रति लीटर बिकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, खून निकालने के लिए हर साल 5 लाख से ज्‍यादा हार्सशू क्रैब को मार दिया जाता है। दरअसल, इसके खून में कॉपर बेस्‍ड हीमोस्‍याइनिन होता है, जो ऑक्‍सीजन को शरीर के सारे हिस्‍से में ले जाता है।

जापानियों को पसंद है यह केकड़ा

जहां इंसानों और अन्‍य जीवों के खून का रंग लाल होता है, वहीं हार्सशू क्रैब के खून का रंग नीला होता है। पूरी दुनिया का यही एक ऐसा जीव है, जिसके खून का रंग नीला है। हार्सशू क्रैब में मांस अध‍िक नहीं होता, लेकिन जापान और ताइवान में इसे खूब खाया जाता है। रसोइये अक्सर इसके व्यंजन में अंडे मिलाते हैं। एक और खास बात हार्सशू केकड़े में बहुत कम विषाक्त पदार्थ होते हैं।

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