India Cleanest City: केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा दिए गए स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 पुरस्कारों की घोषणा की जा चुकी है। जिसमे इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। सबसे अच्छी बात यह है कि इंदौर ने लगातार सातवें साल पुरस्कार जीता है। सूरत को पहली बार यह सफलता मिली है। इसके अलावा, नवी मुंबई को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।
इसके बाद मध्य प्रदेश का स्थान आता है। चंडीगढ़ ने स्वच्छता कर्मचारियों के लिए सर्वोत्तम सुरक्षा मानकों वाले शहर का पुरस्कार जीता है। इसे सफाई मित्र सुरक्षित शहर का नाम दिया गया है। वाराणसी को सबसे स्वच्छ गंगा शहर का खिताब दिया गया। वहीं, प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। जनसंख्या के हिसाब से नोएडा को भी पुरस्कार मिला है।
साल 2023 के पुरस्कारों के लिए 4,416 शहरी स्थानीय निकाय, 61 छावनियां और 88 गंगा शहर शामिल थे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में एक समारोह के दौरान शहरों और राज्यों के प्रतिनिधियों को पुरस्कार सौंपे। गुरुवार यानी 11 जनवरी को घोषित केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 के तहत लगातार सातवें साल इंदौर को भारत के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा दिया गया है ।
2016 में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत यह अभियान चलाया गया था। जब पुरस्कार पहली बार 2016 में शुरू हुए, तो इंदौर 25वें नंबर पर था। आप सोच रहे होंगे कि रैंकिंग में क्या ध्यान रखा जाता है? दरहसल, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय पुरस्कार प्रदान करता है, जो स्वच्छ भारत मिशन के हिस्से के रूप में शुरू हुआ। स्वच्छता को मापने की पद्धति दो मुख्य मानदंडों पर आधारित की गई है - नागरिक प्रतिक्रिया और क्षेत्र मूल्यांकन।
स्वच्छता का विषय राज्य सरकारों के अंतर्गत आता है, इसलिए उन्हें स्वच्छ भारत मिशन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पर अंतर्गत डेटा दर्ज करने का काम सौंपा गया है। फिर प्रत्येक क्षेत्र का मूल्यांकन किया जाएगा, जैसे कि अलग-अलग कचरा संग्रहण, "नमूने के आधार पर प्रत्येक वार्ड में आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में आयोजित नागरिक सत्यापन के माध्यम से मान्य किया जाएगा।"