India-Nepal Dispute : एक पुराने जमीन विवाद का मामला भारत और नेपाल के बीच एक बार फिर से गरमा गया है। (Wikimedia Commons) 
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लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के अलावा भी ये जगह है भारत-नेपाल सीमा विवाद का कारण

न्यूज़ग्राम डेस्क

India-Nepal Dispute : भारत और नेपाल के बीच हमेशा से ही अच्छे संबंध रहे हैं। इनकी दोस्ती इतनी गहरी है कि दोनों देशों के लोग एक-दूसरे देश में आते जाते रहते हैं। दोनों के बीच कोई भी सख्त सीमा भी नहीं है, लेकिन एक पुराने जमीन विवाद का मामला भारत और नेपाल के बीच एक बार फिर से गरमा गया है। नेपाल इसे कई बार दोहरा चुका है। विवाद का ताजा मामला उस वक्त सामने आया, जब नेपाल ने लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपने नोट पर छापने का फैसला किया। नेपाल के इस विवादित फैसले को संसद से भी पास कराया जा चुका है, लेकिन क्या आपको पता है कि भारत-नेपाल के बीच इन क्षेत्रों के अलावा भी एक और जगह पर विवाद है। आइए जानते हैं कि वह कौन सी जगह है, जहां इन क्षेत्रों के अलावा भी दोनों देशों के बीच विवाद है।

भारत-नेपाल के बीच अच्छे संबंध के कारण दोनों देशों के लोग एक दूसरे देश में नौकरी करते हैं और यहां शादियां भी होती हैं। इसके बाद भी कई जगहों को लेकर विवाद है। इन्हीं में एक विवादित क्षेत्र है सुस्ता क्षेत्र। सुस्ता क्षेत्र में विवाद का मुख्य कारण गंडक नदी का रास्ता बदलना है। नदी अपना मार्ग बदलती रहती है, जिस वजह से दोनों देशों के बीच विवाद है।

सुगौली संधि के तहत गंडक नदी को भारत-नेपाल के बीच बॉर्डर मान लिया गया। (Wikimedia Commons)

कहां है सुस्ता क्षेत्र?

सुस्ता क्षेत्र बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में पड़ता है। इस जगह पर भारत का अधिकार है। यह क्षेत्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से लगता हुआ इलाका है। यह क्षेत्र गंडक नदी के तट पर स्थित है और यहां पर गंडक नदी ही विवाद का प्रमुख कारण है। यहां अर्द्ध-सैनिक पुलिस बल और सशस्त्र सीमा बल के जवान तैनात हैं। इस जगह पर करीब 265 से अधिक परिवार रहते हैं। नेपाल का आरोप है कि सुस्ता में 14,860 हेक्टेयर से अधिक नेपाली भूमि पर भारत ने अतिक्रमण किया गया है, जबकि भारत का दावा है कि सुस्ता क्षेत्र भारत का हिस्सा है।

विवाद का मुख्य कारण है गंडक नदी

नेपाल में गंडक नदी को नारायणी नदी कहा जाता हैं। माना जाता है कि इस विवाद के पीछे भी अंग्रेजों का ही हाथ है। 1816 में एंग्लो-नेपाली युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी और नेपाल के बीच सुगौली संधि किया। इस संधि के तहत गंडक या नारायणी नदी को भारत-नेपाल के बीच बॉर्डर मान लिया गया। बाद में नदी अपना मार्ग बदलती रही और यहीं से विवाद का जन्म हुआ। नेपाल का कहना है कि सुस्ता क्षेत्र गंडक नदी के दायीं ओर है और संधि के मुताबिक ये हिस्सा नेपाल का है, लेकिन नदी के रास्ता बदलने के बाद सुस्ता क्षेत्र गंडक नदी के बायीं ओर है, जो भारत का हिस्सा है।

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