Lok sabha elections: मौजूदा भारतीय चुनावों में खर्च के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं।(Wikimedia Commons) 
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एक वोट देने में कितना रुपया होता है खर्च? कुल चुनावी खर्च जान कर हो जाएंगे हैरान

भारतीय आम चुनाव इतनी खर्चीले हैं कि आप जानकर आश्चर्य में पड़ सकते हैं कि आपका एक वोट कितने रुपए का होता है अर्थात् जब आप एक वोट देते हैं, तो उसके पीछे कितनी रकम खर्च होती है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Lok sabha elections: इस समय देश में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। इस चुनावों में दो चरण की वोटिंग हो चुकी है जबकि अभी भी 5 चरणों की वोटिंग बाकी है। भारतीय आम चुनाव इतनी खर्चीले हैं कि आप जानकर आश्चर्य में पड़ सकते हैं कि आपका एक वोट कितने रुपए का होता है अर्थात् जब आप एक वोट देते हैं, तो उसके पीछे कितनी रकम खर्च होती है। आपको बता दें कि चुनावों में जो सुरक्षा कर्मी ड्यूटी दे रहे होते हैं उन्हें एक दिन का जो पैसा मिलता है, उससे ज्यादा कीमत आपके एक वोट की होती है।

मौजूदा भारतीय चुनावों में खर्च के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। इस बार चुनाव का सारा खर्च मिलाकर 1.35 लाख करोड़ रुपए के आसपास होने जा रहा है। जबकि पिछली बार वर्ष 2019 के आम चुनावों में 60,000 करोड़ रुपए का कुल खर्च आया था। आपको बता दें मौजूदा चुनाव 45 दिनों और 07 चरणों में होंगे।

भारत में इस चुनावों में 96.6 करोड़ मतदाता है (Wikimedia Commons)

इस खर्च में क्या - क्या है शामिल

अमेरिका में जब 2020 के चुनाव हुए थे, तो भारतीय रुपए के हिसाब से 1.2 लाख करोड़ रुपए आया था और इसे दुनिया का सबसे महंगा चुनाव कहा गया था। दुनिया में बहुत कम देश हैं जहां चुनावों में इतनी भारी-भरकम रकम खर्च होती है। भारतीय चुनावों में मोटा खर्च चुनाव की प्रक्रिया के लिए तैनाती, सुरक्षा बलों का एक स्थान से दूसरे स्थान जाना, लॉजिस्टिक खर्च और ईवीएम व वीवीपैट जैसी चीजों को लेकर भी होता है।

एक वोट पर कितना होता है खर्च?

भारत में इस चुनावों में 96.6 करोड़ मतदाता है और देश की कुल जनसंख्या 140 करोड़ के आसपास है. यदि हम चुनाव के कुल खर्चों को 1.35 लाख करोड़ मानें तो प्रति वोटर एक वोट की कीमत 1400 रुपए के बराबर होगी, लेकिन अगर देश की कुल जनसंख्या के साथ प्रति व्यक्ति वोट की कीमत का आंकलन किया जाए तो हर वोट की कीमत 964.28 रुपए होगी। यदि इस बार प्रति वोट 1400 रुपए का खर्च आ रहा है तो इस हिसाब से अगर 40 फीसदी लोग वोट नहीं देते तो ये लोग चुनाव प्रक्रिया में करीब 60,000 करोड़ के खर्च का नुकसान करेंगे।

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