Pamban Bridge : ट्रेन का सफ़र सबका पसंदीदा सफ़र होता है। कई जगह तो ट्रेन लंबी ब्रिज से गुजराती है तब बाहर का नजारा और भी ज्यादा सुंदर दिखाई पड़ता है लेकिन कभी आपने ऐसा ब्रिज देखा है कि जिस पर ट्रेन चलती हो, लेकिन शिप के आते ही ट्रेन ब्रिज से पहले रुक जाती हो और ब्रिज वर्टिकल यानी ऊपर की ओर खुल जाता हो। इस तरह का ब्रिज देखने में यदि आपको दिलचस्पी है तो आपके लिए एक खुशखबरी है अब वर्टिकल खुलने वाला ब्रिज दक्षिण भारत के तमिलनाडु के पंबन में बन रहा है, जो पूरे देश से रामेश्वरम से जोड़ेगा। इसकी अधारशिला पीएम मोदी ने मार्च 2019 में कन्याकुमारी में रखी थी, जो अब बनकर तैयार होने वाला हैै।
आपको बता दें कि पुराना रेल ब्रिज 1914 में बनाया गया था, जिसकी उम्र अब पूरी हो चुकी है और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसे बंद कर दिया गया।रेलवे ने नए पुल के निर्माण में स्टेनलेस स्टील मजबूती, मिश्रित स्लीपर और लंबे समय तक चलने वाली पेंटिंग प्रणाली जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया किया है।
रामेश्वरम के लिए जाने वाली ट्रेनें पहले तमिलनाडु में रामनाथपुरम जिले के मंडपम पहुंचती थीं उसके बाद पंबन ब्रिज से ट्रेनें रामेश्वरम तक पहुंचती थीं। इस प्रकार लोग केवल 15 मिनट में तीर्थनगरी रामेश्वरम में पहुंच जाते थे। लेकिन सभी ट्रेनें मंडपम में समाप्त होती हैं और लोग रामेश्वरम तक पहुंचने के लिए समुद्र पर बने पुल होते हुए सड़क मार्ग से जाते है। रामेश्वरम जाने के लिए देश-विदेश से लाखों भक्त आते हैं, और इस वजह से इस पुल पर लंबा जाम लगा रहता है इस कारण लोगों का समय बर्बाद होता है। इस वजह से पंबन पर वर्टिकल रेलवे ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है।
यह ब्रिज यह पुल 2.05 किमी लंबा है। पुराने पुल की तुलना में नया पुल तीन मीटर ऊंचा और समुद्र तल से 22 मीटर ऊंचा होने वाला है। 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन होगा। यह समुद्र तल से करीब 22.0 मीटर की नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस के साथ मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा। पुल की स्ट्रक्चर डबल लाइनों के लिए बनाया गया है और इसके दोनों ओर से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा। इसके निर्माण में 545 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आ रही है।