Rivers from Bhutan to India : भारत में सैकड़ों की संख्या में नदिया है। भारत में छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 200 प्रमुख नदियां हैं। इसके अलावा देश के अलग-अलग भागों में भी कुछ नदियों का प्रवाह होता है, जो कि स्थानीय स्तर पर सिंचाई से लेकर पीने के पानी के लिए उपयोगी हैं। इनमे से कुछ नदियों का उद्गम और प्रवाह भारत के अंदर ही होता है, जबकि कुछ नदियों का उद्गम भारत के बाहर होता है, लेकिन उनका प्रवाह भारत में होता है। ऐसे में अलग-अलग देशों से भी भारत में नदियों की धारा पहुंचती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के पड़ोसी देश यानि कि भूटान से कौन-सी नदियां भारत में पहुंचती हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे की कौन सी नदियां हमारे पड़ोसी देश भूटान से आती है।
भारत में भूटान से आने वाली कुल नदियों की बात करें, तो इनकी संख्या आठ हैं, ये नदियां भूटान के अलग-अलग भागों से निकल कर भारत में प्रवेश करती हैं। इसे लेकर भारत और भूटान के बीच जल संधि भी है, जिससे पानी के बटवारे को लेकर समझौता हुआ है।
आपको बता दें कि भारत में भूटाने से आने वाली नदियां पुथिमारी, पगलाडिया, संकोश, मानस, रैदाक, टोरसा, ऐई और जलढाका नदी है, जो कि भूटान से निकलती है और भारत में प्रवेश करती हैं।
भूटान से भारत आने वाली सबसे लंबी नदी की बात करे तो वह मानस नदी है, जिसकी सबसे लंबी नदी प्रणाली है। पूर्वी भारत में बहने वाली मानस नदी ब्रह्मपुत्र नदी की प्रमुख सहायक नदियों में से एक है। इस नदी की कुल लंबाई 376 किलोमीटर है। भूटान में इसे ड्रैंगमे छू के नाम से जाना जाता है। यह दक्षिणी भूटान, भारत और चीन के बीच हिमालय की तलहटी में एक सीमा पार नदी है जो कि विभिन्न जैव विविधताओं के लिए उपयोगी है।
मानस नदी के किनारे दो प्रसिद्ध वन्यजीव पार्क भी बने हुए हैं। जिनमें से एक ‘रायल मानस नेशनल पार्क’ भूटान में स्थित है, जो कि वहां का राष्ट्रीय पार्क भी है। वहीं दूसरा अभ्यारण्य ‘मानस वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी’ असम में स्थित है तथा यह एशिया के सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव अभ्यारण्य में से एक है।