न्यूजग्राम हिंदी: उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) और मीडिया मारे गए गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Praveen)और अहमद के गिरोह के शूटर गुड्डू मुस्लिम (Guddu Muslim) को पकड़ने के लगभग नामुमकिन काम में इस तरह उलझ गई है कि लगता है कि सुर्खियां अतीक के सहयोगी अरमान से पूरी तरह से दूर हो गई हैं। अरमान भी फरार है और उसकी गिरफ्तारी पर पांच लाख रुपये का इनाम है।
पुलिस टीमें लगातार गुड्डू मुस्लिम और शाइस्ता परवीन के लोकेशन ट्रेस कर रही हैं और छापेमारी कर रही है जबकि अरमान के ठिकाने का कोई सुराग नहीं है। प्रयागराज (Prayagraj) से 25 फरवरी को भागकर अरमान कहां रुका था या कहां शरण ली थी, इस बारे में भी पुलिस टीमों को कुछ पता नहीं है।
उमेश पाल (Umesh Pal) की हत्या के करीब 10 दिन बाद ऐसी खबरें आईं कि अरमान ने बिहार के सासाराम कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने ऐसी किसी घटना की पुष्टि नहीं की है।
यहां तक कि पुलिस अधिकारी गुड्डू मुस्लिम और अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और शूटर साबिर की तलाश में कौशांबी, प्रयागराज और अन्य स्थानों पर छापे मारने की पुष्टि कर रहे हैं, लेकिन अरमान को गिरफ्तार करने के बारे में चुप हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अरमान मूल रूप से बिहार (Bihar) के सासाराम का रहने वाला है और सिविल लाइंस में ढाबा चलाता था।
वह अपने एक भरोसेमंद गुर्गे आशिक उर्फ मल्ली के संपर्क में आने के बाद अतीक के गिरोह में शामिल हो गया।
सूत्रों के मुताबिक कुछ साल पहले अरमान को सिविल लाइंस पुलिस ने एक देसी पिस्टल और कुछ कारतूस के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
इसके अलावा उसका कोई बड़ा आपराधिक इतिहास नहीं है।
अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या
उमेश पाल की हत्या के बाद वायरल हुए फुटेज में अरमान और गुड्डू मुस्लिम को बाइक पर एक साथ मौके पर पहुंचते देखा जा सकता है।
अरमान ने हेलमेट पहना हुआ है और उसे उमेश पाल की कार पर गोलियां चलाते देखा जा सकता है। अरमान की पहचान सीसीटीवी फुटेज से हुई और उसका नाम उमेश की पत्नी जया पाल की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में शामिल किया गया।
बाद में, अरमान के कुछ वीडियो वायरल हुए जिसमें उसे शाइस्ता परवीन के साथ देखा गया, जब वह मेयर पद के लिए प्रचार कर रही थीं।
उसे शूटर साबिर के साथ भी देखा गया था।
स्थानीय सूत्रों ने कहा कि अरमान, जो अतीक पर 'सूचनाओं की खान' हो सकता है, स्थानीय पुलिस में अधिकारियों के साथ बहुत दोस्ताना था और यह एक कारण हो सकता है कि पुलिस उसके प्रति नरमी बरत रही है।
--आईएएनएस/PT