ग्रेड-1 में दाखिले के लिए सभी स्कूलों में 6 वर्ष की आयु का निर्देश (IANS)

 
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ग्रेड-1 में दाखिले के लिए सभी स्कूलों में 6 वर्ष की आयु का निर्देश

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय(Education Ministry) ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों के ग्रेड-1 में दाखिले के लिए बच्चों की आयु एक समान, 6 प्लस वर्ष रखने का निर्देश दिया है।

न्यूज़ग्राम डेस्क

न्यूज़ग्राम हिंदी: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय(Education Ministry) ने सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को स्कूलों के ग्रेड-1 में दाखिले के लिए बच्चों की आयु एक समान, 6 प्लस वर्ष रखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रालय ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से प्री-स्?कूल एजुकेशन (डीपीएसई) में दो वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम तैयार करने और चलाने की प्रक्रिया प्रारंभ करने का भी अनुरोध किया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020(National Education Policy 2020) स्कूल व शिक्षा के 'मूलभूत चरण' में बच्चों की शिक्षा को मजबूत बनाने की सिफारिश करती है। शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक मूलभूत चरण में सभी बच्चों (3 से 8 वर्ष के बीच) के लिए 5 वर्ष सीखने के अवसर शामिल हैं। इसमें 3 साल की प्री-स्कूल एजुकेशन और 2 साल की प्रारंभिक प्राथमिक ग्रेड-1 और ग्रेड-2 शामिल हैं। इस तरह यह नीति प्री-स्कूल से ग्रेड-2 तक के बच्चों के निर्बाध शिक्षण और विकास को प्रोत्साहित करती है।

शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह केवल आंगनवाड़ियों या सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और गैर-सरकारी संगठन द्वारा संचालित प्री-स्कूल केंद्रों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए तीन वर्ष की गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूल शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करके ही किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, मूलभूत चरण पर सबसे महत्वपूर्ण कारक योग्य शिक्षकों की उपलब्धता है जो विशेष रूप से उम्र तथा विकासात्मक रूप से उपयुक्त पाठ्यक्रम और शिक्षण शास्त्र में प्रशिक्षित हों। मूलभूत चरण के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ-एफएस) भी हाल ही में लॉन्च किया गया है।

ग्रेड-1 में दाखिले के लिए सभी स्कूलों में 6 वर्ष की आयु का निर्देश(Wikimedia Image )



शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इस विजन को पूरा करने के लिए सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासनों को समान रूप से 6 प्लस वर्ष की आयु में ग्रेड-1 में प्रवेश देने के निदेशरें को दोहराया है।



बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को यह सलाह भी दी गई है कि वे अपने यहां प्री-स्कूल शिक्षा में दो वर्षीय डिप्लोमा (डीपीएसई) पाठ्यक्रम तैयार करने और चलाने की प्रक्रिया प्रारंभ करें। इस पाठ्यक्रम को राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा डिजाइन किए जाने की आशा है तथा एससीईआरटी की देखरेख और दायित्व के अंतर्गत जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाएगा।

--आईएएनएस/VS

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