शिक्षा

उत्तराखंड ने तैयार कर लिया नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम

NewsGram Desk

राज्य विश्वविद्यालयों (State Universities) ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy) के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर लिया है। मुख्य सचिव के सामने इसके प्रस्तुतिकरण के बाद इसे अब कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत ने कहा कि इसे इसी साल नए शिक्षा सत्र से लागू किया जाएगा। उत्तराखंड (Uttarakhand) इसे सबसे पहले लागू करने वाला पहला राज्य होगा।

राज्य विश्वविद्यालयों की ओर से नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में पूर्व में टास्क फोर्स गठित की गई थी। उच्च शिक्षा मंत्री को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया था। इसके अलावा कुमाऊं विवि के कुलपति एनके जोशी की अध्यक्षता में दून विवि, उत्तराखंड मुक्त विवि, श्रीदेव सुमन विवि एवं अल्मोड़ा विवि के कुलपतियों को सदस्य के रूप शामिल कर पाठ्यक्रम निर्माण समिति गठित की गई थी।

राज्य विश्वविद्यालयों ने नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर लिया [Unsplash]

उच्च शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत के मुताबिक पिछले छह महीने की मशक्कत के बाद उच्च शिक्षा में नई शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। मुख्य सचिव के सामने इसके प्रस्तुतिकरण के बाद एक और बैठक होनी है। इसके बाद इसे कैबिनेट में लाया जाएगा।

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में फैकल्टी की कमी के चलते वार्षिक परीक्षा प्रणाली को लागू किया गया था, लेकिन अब इसे समाप्त कर सेमेस्टर सिस्टम को लागू किया जाएगा। इस संबंध में जल्द निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (Choice Based Credit System) लागू होगा। इस सिस्टम के तहत छात्रों का क्रेडिट बैंक बनेगा, इसी के आधार पर उनका एक से दूसरे महाविद्यालयों में दाखिला हो सकेगा।

नई शिक्षा नीति के तहत जो पाठ्यक्रम तैयार किया गया है उसमें 70 फीसदी पाठ्यक्रम सभी विश्वविद्यालयों में समान रूप से लागू रहेगा, जबकि 30 फीसदी पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय अपने हिसाब से बदल सकेंगे। पाठ्यक्रम को रोज़गारपरक भी बनाया गया है।

शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत के मुताबिक, विश्वविद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किए जाने के बाद अब प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए भी पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है।

आईएएनएस (PS)

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