हेमा मालिनी Wikimedia
विशेष दिन

जन्मदिन विशेष: हेमा मालिनी भी चुका चुकी है स्टार बनने की भारी कीमत

लेकिन बहुत दिन बीत जाने पर भी जब मुलाकात नहीं हुई तो एक रात में आदमी हेमा मालिनी के घर में घुस गया।

न्यूज़ग्राम डेस्क, Poornima Tyagi

इस तथ्य से तो हम सभी वाकिफ है कि 70 और 80 के दशक में हेमा मालिनी अपने शानदार अभिनय से करोड़ों दिलों पर राज कर रही थी। 70 और 80 के दशक में "सीता और गीता (Seeta aur Geeta) ", "सत्ते पे सत्ता" और "ड्रीम गर्ल" जैसी बहुत सी मूवी देकर उन्होंने लोगों के दिल पर एक अलग छाप छोड़ रखी थी।

और यह कहना गलत नहीं होगा कि बॉलीवुड की रियल ड्रीम गर्ल (Dream Girl) यानी कि एक्ट्रेस हेमा मालिनी (Hema Malini) के आज भी बहुत से चाहने वाले हैं और एक वक्त वह भी था जब उनकी एक झलक पाने के लिए लंबी लाइन लग जाया करती थी। आज हम आपको इसी भीड़ से जुड़ा एक रोचक किस्सा सुनाने वाले हैं। यह बात 1968 की है उस दौर में हेमा मालिनी के लाखों करोड़ों दीवानी हुआ करते थे इसी क्रम में उनका एक दीवाना पाकिस्तान (Pakistan) से मुंबई (Mumbai) उन्हें देखने के लिए आया था।

हेमा मालिनी से मिलने की चाह में वह रोज उनके घर के सामने बैठा करता था कि किसी ना किसी दिन आते जाते हेमा मालिनी से मुलाकात जरूर हो जाएगी। लेकिन बहुत दिन बीत जाने पर भी जब मुलाकात नहीं हुई तो एक रात में आदमी हेमा मालिनी के घर में घुस गया। उसे घर में घुसते हुए हेमा मालिनी के घर काम करने वाली बाई ने देख लिया इस पर वह जोर जोर से चोर चोर से चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर सब इकट्ठे हो गए और घर के नौकरों ने उस आदमी को पकड़ लिया। आदमी ने सोचा कि अब तो मेरी पिटाई होना पक्का है घबराहट के चलते उसने टेबल पर पड़ा चाकू उठा लिया।

हेमा मालिनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

हेमा के पिता तो इतना अधिक घबरा गए कि उन्होंने पुलिस को फोन करना चाहा लेकिन वह फोन तक पहुंच पाते इससे पहले ही उन्हें हार्ट अटैक आ गया। जब तक डॉक्टर पहुंचे तब तक बहुत देर हो चुकी थी और हेमा मालिनी के पिता अपनी आखिरी सांसे ले चुके थे। इस घटना के बाद हेमा मालिनी हमेशा यही सोचती रही कि यह घटना नहीं हुई होती तो शायद उनके पिता उनके साथ कुछ दिन और उनके साथ रह सकते। पिता की मौत का हेमा पर बहुत गहरा असर हुआ और कई सालों तक वह अपने पिता के निधन के लिए स्वयं को जिम्मेदार मानती रही। उन्हें यह लगने लगा कि उनकी कामयाबी के कारण उन्होंने अपने पिता को खो दिया है।

(PT)

डॉ. मुनीश रायज़ादा ने बिजली के बढ़े हुए बिलों के मुद्दे को हल करने में विफल रहने के लिए आप सरकार की आलोचना की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में सभी 70 विधानसभाओं पर चुनाव लड़ेगी

कभी रहे खास मित्र, अब लड़ रहे केजरीवाल के खिलाफ चुनाव। कौन हैं मुनीश रायज़ादा?

नई दिल्ली विधानसभा (AC - 40) से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे डा मुनीश रायज़ादा

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश रायज़ादा ने शहर में प्रदूषण के मुद्दे को हल करने में विफलता के लिए आप सरकार को ठहराया जिम्मेदार।