न्यूजग्राम हिंदी: प्रत्येक वर्ष 3 जून को विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) के रुप में मनाया जाता है। इसे मनाने के पीछे के बहुत से उद्देश्य और फायदे हैं। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कैसे और कब हुई? साथ ही यह भी बताएंगे कि इस दिवस को पहली बार कब और कहां मनाया गया था।
यह दिवस प्रथम बार 2018 में मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अप्रैल 2018 में इस दिवस को मनाने का फैसला लिया था। इस दिन को मनाने के लिए 3 जून का दिन चुना गया तभी से भारत और अन्य कई देश इस दिन को मना रहे हैं।
इस दिन को मनाने की शुरुआत इसलिए की गई क्योंकि समय के साथ साथ साइकिल का प्रचलन कम हो रहा था। लोग गाड़ियों का उपयोग करने लगे थे। लोग समय की बचत करने के लिए साइकिल चलाना बंद कर दिए थे। लेकिन बच्चों को साइकिल के उपयोग और जरूरत के बारे में बताना जरूरी था, इसलिए लोगों को साइकिल के बारे में जागरूक करने के लिए इस दिन को मनाने की शुरुआत की गई। साथ ही लोगों को स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, सोसायटी आदि में साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित भी किया गया।
साइकिल का अविष्कार 1816 में पहली बार पेरिस (Paris) के एक कारीगर द्वारा किया गया
प्रत्येक वर्ष इस दिवस को मनाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। और इसी थीम के आधार पर दुनिया के तमाम देश इस दिवस को मनाते हैं। यूरोप के देशों ने 18वीं शताब्दी के दौरान साइकिल के इस्तेमाल पर विचार किया था। लेकिन साइकिल का अविष्कार 1816 में पहली बार पेरिस (Paris) के एक कारीगर द्वारा किया गया था। उस समय साइकिल को हॉबी हॉर्स यानी काठ का घोड़ा नाम से जानी जाती थी। आज लोग उत्साह से इस दिन को मनाते है और साइकिल का इस्तेमाल करते है।
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