पहली बार दो महिला पायलट "चिनूक" उड़ाएगी ।
पहली बार दो महिला पायलट "चिनूक" उड़ाएगी । Wikimedia
राष्ट्रीय

पहली बार दो महिला पायलट उड़ाएगी खास हेलीकॉप्टर "चिनूक"

न्यूज़ग्राम डेस्क

इतिहास में पहली बार वायु सेना ने अपनी सीमावर्ती इकाइयों के जांबाज़ और अचूक लड़ाकू हेलीकॉप्टर चिनूक को दो महिला पायलट को सौंपा है। यह दोनों पायलट चिनूक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय सैनिकों को मदद पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम कर रही हैं।

गौरतलब है कि स्क्वाड्रन लीडर पारुल भारद्वाज और स्वाति राठौर रूस द्वारा निर्मित Mi-17V5 उड़ा रही थी ।अब इन्हीं दोनों का तबादला चंडीगढ़ और असम के मोहनबाड़ी स्थित CH-47 इकाइयों में किया गया है, यह बात वायु सेना के एक अधिकारी ने नाम न लेने की शर्त पर बताई है।

चिनूक हेलीकॉप्टर का उपयोग बहुत से कामों में किया जा सकता है।यह हाल ही में वायुसेना में शामिल हुआ है । इसकी कीमत लगभग 650 करोड रुपए है ।वर्तमान में वायु सेना में ऐसे 15 चिनूक मौजूद हैं ।वायु सेना में पहला चिनूक 2019-20 में शामिल किया गया था । यह विमान अपने आप में बहुत खास है ।

हवाई सेना के एक अधिकारी की मानें तो चिनूक को बाकी हेलीकॉप्टरों की तरह नहीं उड़ाया जा सकता । इसे उड़ाना बाकी हेलीकॉप्टरों से बहुत अलग है ।यह भारतीय वायु सेना में एकमात्र टैंडम रोटर वाला विमान है । इसे नियंत्रण करने का तरीका भी अन्य हेलीकॉप्टर से बिल्कुल अलग है । इसका उपयोग विभिन्न कार्यों में किया जा रहा है ।जैसे तोपखानों में, युद्ध के मैदान में , आपूर्ति और सैनिकों के परिवहन हेतु।

पहली दो महिला पायलट जो चिनूक को उड़ाएगी। उन्ही में से एक स्वाति राठौर 2021 गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर भाग लेने वाली पहली महिला हेलीकॉप्टर पायलट भी रह चुकी है।

वही दूसरी और स्क्वाड्रन लीडर पारुल भारद्वाज 2019 में Mi - 17V5 की कप्तानी कर चुकी हैं।

ओडिशा में पुरी समुद्र तट पर रविवार को वायुसेना की हवाई करतब दिखाने वाली एयरोबेटिक टीम के प्रदर्शन की तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस वायु करतब को देखने के लिए हजारों पर्यटकों के जुटने की उम्मीद है। सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम के एक दस्ते ने शनिवार को पुरी में अभ्यास किया। सूर्यकिरण राजभवन के समीप एयर शो करेगा ।

(PT)

भारत का सबसे महंगा आम, पूरे देश में केवल 3 ही पेड़ हैं मौजूद

भारत की पहली महिला पहलवान, जिन्होंने पुरुषों से भी किया मुकाबला

गोविंदा की बहन कामिनी खन्ना ने पति के मौत के बाद अकेले ही संभाला सब

एक वोट देने में कितना रुपया होता है खर्च? कुल चुनावी खर्च जान कर हो जाएंगे हैरान

मई के पहले रविवार के दिन मनाया जाता है वर्ल्ड लाफ्टर डे, जानिए क्यों जरूरी है हंसना