BCCI के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष, झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व IPS अमिताभ चौधरी का मंगलवार सुबह निधन हो गया। 62 वर्षीय अमिताभ सुबह घर में पूजा कर रहे थे, तब उन्हें हार्ट अटैक आया। उन्हें तत्काल रांची के सैंटेविटा हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वह झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष पद से दो माह पहले सेवानिवृत्त हुए थे। पूरे देश में खेल प्रशासक के रूप में उनकी अपनी पहचान थी। वह मूलरूप से बिहार के दरभंगा जिले के मनीगाछी के बाथो गांव के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनके निधन पर शोक जताया है। रांची का JSCA स्टेडियम बनवाने में उनका सबसे अहम योगदान माना जाता है।
2002 में वह BCCI के सदस्य बने। 2005 में झारखंड के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो को हरा कर वह झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (JSCA) के अध्यक्ष बने। इसके बाद 2005 से लेकर 2009 तक वह क्रिकेट टीम इंडिया के मैनेजर भी रहे।
2013 में उन्होंने IPS की नौकरी से वीआरएस ले ली। 2014 में अमिताभ ने राजनीति में कदम रखा। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर अमिताभ ने बाबूलाल मरांडी की पार्टी JVM से रांची लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव नहीं जीत सके। इसके बाद वह BCCI के कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाए गए थे। साथ ही ICC बोर्ड में भारत के नियुक्त प्रतिनिधि के तौर पर भी काम किया।
1985 में IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद वह UPSC की परीक्षा पास करने के बाद बिहार कैडर के IPS बने थे। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद उन्हें झारखंड कैडर मिला। झारखंड में IPS के रूप में वह चर्चित अधिकारी रहे। रांची के SSP के रूप में उनके कार्यकाल को बेमिसाल उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। उन्होंने दो बड़े गैंगस्टर सुरेंद्र बंगाली और अनिल शर्मा को गिरफ्तार किया था। उनकी अगुवाई में रांची में दो कुख्यात अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे। JPSC के चेयरमैन के तौर पर सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट रिकॉर्ड समय में जारी करने का श्रेय भी उनके नाम रहा। उनकी पत्नी अमिताभ निर्मला चौधरी भी IPS रही हैं। परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और पुत्री है।
(आईएएनएस/AV)