उत्तराखंड में 1 जुलाई से लग जाएगा 75 माइक्रोन तक की Plastic पर Ban  Wikimedia Commons
राष्ट्रीय

उत्तराखंड में 1 जुलाई से हो जाएगा Plastic Ban

शहरी विकास के निदेशक के मुताबिक, मंत्रालय के निर्देशों के तहत सभी निकायों में एक जुलाई से 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंधित करने से संबंधित निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

न्यूज़ग्राम डेस्क

Uttarakhand में एक जुलाई से न तो प्लास्टिक (Plastic) की छड़ी वाले गुब्बारे बिकेंगे और न ही ईयर बड, स्ट्रॉ, चम्मच, चाकू, प्लेट बिकेंगे। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के बाद शहरी विकास निदेशालय ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के तहत 13 निकायों ने प्रतिबंध से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिए हैं। दरअसल, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से चार जून को शहरी विकास निदेशालय को एक पत्र आया है। इसमें कहा गया है कि 30 जून के बाद प्रदेश में 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंध (Plastic Ban) की जाए। इसके तहत निदेशालय ने सभी निगम, निकायों को पत्र भेजकर पुरानी 50 माइक्रोन की गाइडलाइंस में संशोधन करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है।

13 निकायों ने नोटिफिकेशन जारी भी कर दिया है। शहरी विकास निदेशालय अब सोमवार से प्रदेश के बाकी सभी निगम-निकायों में प्लास्टिक बैन से संबंधित नए नोटिफिकेशन जारी करने का अभियान चलाएगा।

इनकी बिक्री पर एक जुलाई से लगेगा जुर्माना

Plastic युक्त ईयर बड, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की डंडियां, पॉली स्टाइरीन की सजावटी सामग्री पर रोक रहेगी। इसके अलावा प्लास्टिक प्लेटें, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, जैसी कटलरी, मिठाई के डब्बों को लपेटने वाली प्लास्टिक फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैक, 100 माइक्रोन से कम मोटे प्लास्टिक के बने बैनरों पर रोक रहेगी।

चारधाम यात्रा में प्रतिबंध लगाने की चुनौती

प्रदेश में इस समय चारधाम यात्रा पूरे सुरूर पर है। देशभर से आ रहे तीर्थयात्रियों के Plastic का इस्तेमाल न करने की प्रक्रिया अपनाना बड़ी चुनौती बनने वाला है। हालांकि निदेशालय का कहना है कि प्रदेशभर में पहले भी 50 माइक्रोन प्लास्टिक यूज पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, जिसमें 16 हजार से ज्यादा चालान में 1.5 करोड़ से ऊपर जुर्माना वसूला जा चुका है।

शहरी विकास के निदेशक के मुताबिक, मंत्रालय के निर्देशों के तहत सभी निकायों में एक जुलाई से 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंधित करने से संबंधित निर्देश जारी किए जा चुके हैं। 13 निकाय अपने नोटिफिकेशन जारी कर चुके हैं। एक जुलाई से प्रतिबंध सख्ती से लागू किया जाएगा।

एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के मुताबिक निश्चित तौर पर यह सराहनीय आदेश है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमें लोगों को जागरुक करना होगा। उन्हें बताना होगा कि इन प्रतिबंधित प्लास्टिक के क्या विकल्प हैं।
(आईएएनएस/PS)

एक Sparrow Man की कहानी, जिनकी मेहनत से बचा हजारों गोरैयों का परिवार!

भगवान जगन्नाथ का रथ खींचती हैं जो रस्सियाँ, उनके पीछे छिपा है एक आदिवासी समाज!

मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका : पत्नी-बेटी को हर महीने देने होंगे 4 लाख रुपये !

जिसे घरों में काम करना पड़ा, आज उसकी कला को दुनिया सलाम करती है – कहानी दुलारी देवी की

सफलता की दौड़ या साइलेंट स्ट्रगल? कोरिया में डिप्रेशन की असली वजह