भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश कुमार रायज़ादा ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में कैश जमा करने के मामले में पुलिस जांच की मांग की है। [NewsGram] 
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डॉ. मुनीश रायज़ादा ने जस्टिस वर्मा के कैश रिकवरी मामले में खुली जांच की मांग की

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश कुमार रायज़ादा ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में कैश जमा करने के मामले में पुलिस जांच की मांग की है। डॉ. रायजादा ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के इस मामले में आंतरिक जांच के सुझाव पर सवाल उठाए।

न्यूज़ग्राम डेस्क

भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) के अध्यक्ष डॉ. मुनीश कुमार रायज़ादा ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में कैश जमा करने के मामले में पुलिस जांच की मांग की है। डॉ. रायजादा ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के इस मामले में आंतरिक जांच के सुझाव पर सवाल उठाए। डॉ. रायजादा ने कहा कि इस मामले को अन्य भ्रष्टाचार मामलों की तरह ही लिया जाना चाहिए और खुली पुलिस जांच होनी चाहिए।

उन्होंने सवाल किया, "जब आम लोग खुली पुलिस जांच की प्रक्रिया से गुजरते हैं, तो जजों को क्यों छूट दी जानी चाहिए?" BLP अध्यक्ष ने ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (CPI) 2024 में भारत की रैंकिंग का जिक्र किया और कहा कि 180 देशों में भारत 96वें स्थान पर है, जो दिखाता है कि भारत में भ्रष्टाचार कितने बड़े स्तर पर फैला हुआ है। डॉ. रायजादा ने कहा, "भ्रष्टाचार भारत की सफलता में सबसे बड़ी बाधा है। भारत को विश्वगुरु बनने का ख्याल भी लाने से पहले अपने घर को ठीक करना होगा और कई राजनीतिक व चुनावी सुधार लाने होंगे। ये सुधार इसलिए जरूरी हैं ताकि हम ऐसी लोकतंत्र हासिल कर सकें जो सबके लिए सुलभ हो और आम लोग इसमें हिस्सा ले सकें। रायज़ादा ने इस बात ज़ोर दिया कि भारत को सिर्फ "सत्ता परिवर्तन” की नहीं, बल्कि संपूर्ण "व्यवस्था परिवर्तन" की जरूरत है।

डॉ. रायज़ादा ने कहा कि ऐसी भ्रष्टाचार की घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदारी, जवाबदेही और दोष की सिद्धांत को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि जस्टिस वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में ट्रांफर करके उन्हें दोष के दायरे से मुक्त कर दिया गया है।

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