राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तमिल निर्देशक वेत्रिमारन (Vetrimaaran) ने यह दावा किया है कि राजाराज चोल (Rajaraja Cholan) हिंदू राजा नहीं थे। उन्होंने इस पर विवाद खड़ा कर दिया है कमल हासन (Kamal Haasan) ने भी उनके इस बयान का समर्थन किया है।
यह सब एक कार्यक्रम के दौरान शुरू हुआ जब वेत्रिमारन ने यह कहकर सबकी भौहें ऊंची कर दी कि "राजाराज चोल हिंदू नहीं थे, और वे (भाजपा) हमारी पहचान चुराने की कोशिश कर रहे हैं। निर्देशक ने कहा कि भाजपा ने पहले भी तिरुवल्लुवर (Thiruvalluvar) का भगवाकरण करने की कोशिश की है। हमे कभी इसकी इजाजत नहीं देनी चाहिए।
इसके बाद कमल हासन ने भी इसी तरह का बयान दिया और निर्देशक के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि को " राजाराज चोल की शासन अवधि के दौरान 'हिंदू धर्म' नाम का कोई नाम तक नहीं था। वैष्णव, शैव और समानम संप्रदाय थे, हिंदू शब्द तो अंग्रेजों द्वारा गढ़ा गया है। क्योंकि अंग्रेजों को वैष्णव, शैव और समानम संप्रदाय के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी तो उन्होंने इन लोगों को हिंदू कहना शुरू कर दिया। अपनी बात को सही बताते हुए उन्होंने इसे ठीक तुतुकुडी (Thoothukudi) का नाम बदलकर तूतिकोरिन (Tuticorin) कर देने जैसा बताया।
राजाराज चोल से प्रेरित काल्पनिक उपन्यास (Novel) पर आधारित फिल्म पोन्नियिन सेलवन:1(Ponniyin Selvan: I) रिलीज होने के अगले दिन वेत्रिमारन ने यह बयान दिया।
एक ओर वेत्रिमारन के इस बयान को हासन का समर्थन मिला तो दूसरी ओर भाजपा ने निर्देशक की खिंचाई की। भाजपा नेता एच. राजा (H. Raja) ने कहा है कि राजाराज चोल वास्तव में एक हिंदू राजा थे। साथ ही उन्होंने वेत्रिमारन से सवाल किया कि - "मैं वेत्रिमारन की तरह इतिहास क्या उतना अधिक ज्ञान तो नही रखता लेकिन क्या वेत्रिमारन किन्ही मस्जिद का चर्च के बारे में बता सकते हैं जो राजाराज चोल द्वारा बनवाए गए हो। राजाराज चोल खुद को शिवपद शेखरन कहलवाना पसंद करते थे।
खैर इससे पहले भी तमिलनाडु (Tamilnadu) राजाराज चोल पर टिप्पणी देने के मामले में सुर्खियों में आ चुका है।
2019 में, फिल्म निर्देशक पीए रंजीत (Pa. Ranjith) ने राजा की आलोचना करते हुए कहा था कि तत्कालीन राजा का शासन दलितों के लिए काला युग था।
उन्होंने दावा किया, "भूमि उनसे जबरन छीन ली गई थी और राजाराज चोल के शासनकाल के दौरान कई प्रकार के जाति उत्पीड़न शुरू हो गए थे।
(PT)