Parliament Security Breach - देश की राजधानी दिल्ली में संसद भवन की सुरक्षा में हुई चूक की खबर पूरे देश ने फैल रही है। पहले,संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया, वहीं इसके कुछ देर बाद लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दो युवक सुरक्षा घेरा तोड़कर सदन के भीतर घुस गए। उन्होंने स्प्रे से सदन में धुआं फैला दिया था। इस घटनाक्रम से लोकसभा में उपस्थित सभी सांसद दहशत में आ गए।
2001 भारतीय संसद हमला 13 दिसंबर 2001 को नई दिल्ली भारत में भारतीय संसद पर एक आतंकवादी हमला था । इस हमले में पांच सशस्त्र हमलावरों द्वारा किया गया था और इसमें छह दिल्ली पुलिस कर्मियों, दो संसद सुरक्षा सेवा कर्मियों की मौत हो गई थी और सुरक्षा बलों ने सभी पांच हमलावरों को मार गिराया। भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान से सक्रिय दो आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) पर हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया लेकिन 22 साल बाद भी फिर यही घटना आज यानी 13 दिसंबर को घटी, आखिर सुरक्षा बल से इतना बड़ा चूक कैसे हो सकता है ये सवाल पूरे देश के मन में उत्पन्न हो रही है।
दिल्ली पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। इनके नाम नीलम और अनमोल शिंदे है। नीलम महिला (42वर्ष ) है वो हरियाणा के हिसार की रहने वाली है। जबकि दूसरा आरोपी अनमोल ( 25 वर्ष) महाराष्ट्र के लातूर का रहने वाला है। लोकसभा में दर्शक दीर्घा से कूदे एक युवक का नाम सागर बताया जा रहा है पहले प्रदर्शनकारी संसद के बाहर पहुंचकर नारेबाजी करने लगे उनके हाथ में टियर गैस कनस्तर था। हालांकि जल्द ही सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। उनमें एक पुरुष और एक महिला थी। परंतु इसके कुछ देर बाद , संसद में कार्यवाही के दौरान विजिटर गैलरी से अचानक 2 युवक कूद गए और लोकसभा में सांसदों तक पहुंच गए। इतना ही नहीं दोनों स्पीकर की ओर बेंच पर चढ़कर दौड़ने लग गए। इसके चलते सदन में अफरातफरी मच गई।
कुछ दिन पहले ही खालिस्तानी आंतकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से संसद भवन पर हमला करने की धमकी दी गई थी उस वीडियो के द्वारा उसने कहा था कि 13 दिसंबर को दिल्ली के संसद भवन पर हमला करके मैं जवाब दूंगा। ऐसे में संसद की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी होनी चाहिए थी।