हिजाब प्रतिबंध के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों की अलग अलग राय Wikimedia
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हिजाब प्रतिबंध के मामले में सुप्रीम कोर्ट के जजों की अलग अलग राय, बड़ी पेंच के सामने पेश होगा मामला: कर्नाटक

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता (Hemant Gupta) और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया (Sudhanshu Dhulia) की पीठ ने यह फैसला सुनाया।

न्यूज़ग्राम डेस्क

हिजाब प्रतिबंध: कर्नाटक (Karnataka) में हिजाब (Hijab)पर लगा बैन फिलहाल जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर एक खंडित फैसला सुनाया। कर्नाटक सरकार ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों (Pre-University Colleges) में कक्षाओं के अंदर हिजाब पहनने पर रोक लगाई है। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता (Hemant Gupta) और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया (Sudhanshu Dhulia) की पीठ ने यह फैसला सुनाया। न्यायमूर्ति गुप्ता ने कर्नाटक सरकार के बैन को बरकरार रखा और कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) के फैसले के खिलाफ अपील खारिज कर दी। हालांकि, न्यायमूर्ति धूलिया ने सभी अपीलों को स्वीकार कर लिया और कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया।

न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा कि मेरे फैसले का मुख्य जोर यह है कि विवाद के लिए आवश्यक धार्मिक प्रथा की पूरी अवधारणा जरूरी नहीं है और हाई कोर्ट ने गलत रास्ता अपनाया। न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा, यह (हिजाब पहनना) पसंद का मामला है, न ज्यादा और न ही कम। उन्होंने कहा कि मैंने 5 फरवरी के सरकारी आदेश को रद्द कर दिया है और प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया

न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा कि उनके दिमाग में ये बात थी कि क्या हम एक छात्रा की शिक्षा के मामले में इस तरह के प्रतिबंध लगाकर उसके जीवन को बेहतर बना रहे हैं।

पीठ ने आदेश दिया कि मामले को तीन-न्यायाधीशों की पीठ को सौंपने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित (U.U. Lalit) के सामने रखा जाए।

आईएएनएस/PT

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